Lunar Eclipse And Holi 2025: हिंदूओं के प्रमुख त्योहारों में से एक होली का त्योहार 14 मार्च को इस साल मनाया जाएगा। 14 मार्च के दिन इस बार एक बड़ी खगोलीय घटना होने वाली है। होली के रंग-बिरंगे त्योहार के दिन चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह अनोखा संयोग एक आश्चर्यजनक "ब्लड मून" लाएगा, जहाँ चंद्रमा पृथ्वी की छाया से गुज़रते ही गहरे लाल रंग का हो जाएगा। यह ग्रहण सर्दियों के अंतिम पूर्णिमा, वर्म मून के दौरान होगा, और यह एक माइक्रोमून ग्रहण भी होगा, जिसका अर्थ है कि चंद्रमा सामान्य से थोड़ा छोटा दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण 2025 का समय और अवधि
14 मार्च, 2025 को होने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण दुनिया के विभिन्न हिस्सों में दिखाई देगा। यह माइक्रोमून ग्रहण लगभग 65 मिनट तक चलेगा, जो इसे उन क्षेत्रों के लोगों के लिए एक मनोरम दृश्य बना देगा जहाँ यह दिखाई देगा।
यह घटना तब घटित होगी जब चंद्रमा पृथ्वी से अपने सबसे दूर बिंदु पर होगा, जिससे यह अन्य पूर्ण चंद्रमाओं की तुलना में थोड़ा छोटा दिखाई देगा। यह 2025 का पहला चंद्रग्रहण होगा और इसका गहरा लाल रंग रात के आसमान की खूबसूरती में चार चांद लगा देगा।
क्या भारत में चंद्रग्रहण दिखाई देगा?
भारत में लोग पूर्ण चंद्रग्रहण नहीं देख पाएंगे क्योंकि यह देश में दिन के उजाले के समय होगा। टाइम नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रहण मुख्य रूप से उत्तर और दक्षिण अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और पश्चिमी अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में दिखाई देगा।
इन स्थानों पर दिखेगा चंद्र ग्रहण का नजारा
उत्तरी अमेरिका:संयुक्त राज्य अमेरिका (न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स, शिकागो)
कनाडा (टोरंटो, वैंकूवर, मॉन्ट्रियल)मेक्सिको (मेक्सिको सिटी, ग्वाडलजारा)
दक्षिण अमेरिका:ब्राजील (रियो डी जेनेरो, साओ पाउलो)अर्जेंटीना (ब्यूनस आयर्स)चिली (सैंटियागो)कोलंबिया (बोगोटा)
पश्चिमी यूरोप:स्पेन (मैड्रिड, बार्सिलोना)पुर्तगाल (लिस्बन)फ्रांस (पेरिस, मार्सिले)
पश्चिमी अफ्रीका:घाना (अकरा)नाइजीरिया (लागोस)अटलांटिक महासागर क्षेत्रदुनिया के अन्य हिस्सों, जैसे ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका और एशिया के कुछ क्षेत्रों में आंशिक ग्रहण दिखाई देगा।
ग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल क्यों हो जाता है?
पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान, पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच से सीधे गुज़रती है, जिससे चंद्रमा पर छाया पड़ती है। लाल चमक, जिसे अक्सर "ब्लड मून" कहा जाता है, इसलिए होती है क्योंकि पृथ्वी का वायुमंडल सूर्य के प्रकाश की छोटी नीली और हरी तरंगदैर्ध्य को बिखेरता है, जिससे केवल लाल और नारंगी प्रकाश ही चंद्रमा तक पहुँच पाता है। इसके परिणामस्वरूप चंद्रमा पूर्ण होने पर गहरे लाल या तांबे के रंग का दिखाई देता है।
हालाँकि भारत इस खगोलीय शो को नहीं देख पाएगा, लेकिन यह दुनिया भर के आकाश प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है, जो 14 मार्च, 2025 को होली और खगोल विज्ञान प्रेमियों के लिए एक विशेष दिन बनाती है।
(डिस्क्लेमर- आर्टिकल में मौजूद जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है औऱ लोकमत हिंदी किसी भी दावे और तथ्य की पुष्टि नहीं करता है। सटीक जानकारी के लिए कृपया किसी विशेषज्ञ की सलाह लें।)