Lohri 2024: खुशी और उत्साह से भरपूर त्योहार लोहड़ी बस कुछ ही दिनों में आने वाला है। ठंड के मौसम में पड़ने वाले इस त्योहार को लोग खूब हर्षोउल्लास से मनाते हैं। पूरे देश में लोग इस समय को फसल उत्सव के रूप में मनाते हैं। चाहे पंजाब में लोहड़ी हो या गुजरात में उत्तरायण या पश्चिम बंगाल में मकर संक्रांति, लोग उत्सव में डूब जाते हैं और समृद्धि और खुशी के लिए भगवान सूर्य से प्रार्थना करते हैं।
कैसे मनाया जाता है लोहड़ी का त्योहार?
लोहड़ी पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इस दिन लोग आग के चारों ओर इकट्ठा होते हैं, गाते हैं, नृत्य करते हैं और पारंपरिक लोककथाएँ सुनाते हैं। लोग लोहड़ी-विशेष व्यंजन भी बनाते हैं और अपने दोस्तों और परिवार के साथ आनंद लेते हैं।
लोहड़ी के दौरान लोग अलाव जलाते हैं और आग में पॉपकॉर्न, मूंगफली और तिल डालते हैं। लोगों के बीच पारंपरिक प्रसाद बांटा गया। लोग नाचते, गाते और वीरता और साहस की कहानियाँ सुनाते हैं। इस दिन पारंपरिक लोहड़ी व्यंजन जैसे सरसों दा साग, मक्की की रोटी, गजक और रेवड़ियाँ बनाई जाती हैं।
बच्चे अपने पड़ोस में घर-घर जाकर लोहड़ी के गीत गाते हैं और सभी से मिठाइयाँ और पॉपकॉर्न इकट्ठा करते हैं। इस साल लोहड़ी 14 जनवरी को मनाई जाएगी।
जानें इसका इतिहास
ऐसा माना जाता है कि मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान दुल्ला भट्टी नामक एक किंवदंती थी। वह छोटी लड़कियों को गुलामी के लिए बेचे जाने या उनके परिवार के सदस्यों द्वारा जबरन विवाह कराने से बचाने में अपनी बहादुरी और साहस के लिए जाने जाते थे। दुल्ला भट्टी ने उन लड़कियों को नया जीवन प्रदान किया। लोहड़ी के दौरान लोग दुल्ला भट्टी की बहादुरी और साहस की प्रशंसा में गीत गाते हैं।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है, जिसकी पुष्टि लोकमत हिंदी नहीं करता है। कृपया किसी भी सलाह का पालन करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह आवश्य लें।)