कुंभ मेला 2019: 12 दिनों तक चला था देवताओं और दानवों का युद्ध, पढ़े कुंभ का इतिहास

By मेघना वर्मा | Updated: January 5, 2019 14:20 IST2019-01-05T10:18:09+5:302019-01-05T14:20:58+5:30

Kumbh Mela 2019 Prayagraj: चार शहरों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में होने वाले इस कुंभ की पौराणिक कथा भी उतनी ही रोमांचक है जितना ये कुंभ का मेला।

Kumbh Mela 2019: know the history of Kumbh | कुंभ मेला 2019: 12 दिनों तक चला था देवताओं और दानवों का युद्ध, पढ़े कुंभ का इतिहास

कुंभ मेला 2019: 12 दिनों तक चला था देवताओं और दानवों का युद्ध, पढ़े कुंभ का इतिहास

तीर्थराज प्रयाग में हर साल देश के सबसे बड़े मेले कुंभ का आयोजन किया जाता है। इस साल 14 जनवरी यानी मकर संक्राति से माघ की शुरुआत हो रही है। देश-विदेश से लोग इस पवित्र संगम में डुबकी लगाने आते हैं। मान्यता है कि कुंभ में पवित्र नदी गंगा में नहाने से सारे पाप धुल जाते हैं। चार शहरों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में होने वाले इस कुंभ की पौराणिक कथा भी उतनी ही रोमांचक है जितना ये कुंभ का मेला। आइए आपको बताते हैं कुंभ का इतिहास। 

समुद्र मंथन से शुरू होती है कहानी

कुंभ के इतिहास की बात करें तो ये शुरू हुआ था समुद्र मंथन से। बताया जाता है कि महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण इंद्र जब कमजोर हो गए तो सभी दैत्यों ने मिलकर देवताओं पर हमला कर दिया। अब जब सभी देवता परास्त होने लगे तो मदद के लिए वह भगवान विष्णु के पास गए।

विष्णु ने दैत्यों के साथ मिलकर क्षीर सागर से अमृत निकालने की सलाह दी। इसी के बाद से शुरु हुआ समुद्र मंथन। 

12 दिन तक चला युद्ध

पवित्र अमृत के लिए समुद्र मंथन में कई दिनों तक देवताओं और राक्षसों के बीच मंथन होता रहा। जिसमें से कई अनमोल चीजें प्रप्त हुईं। जब मंथन से अमृत निकला तो देवताओं के इशारे पर इंद्र के पुत्र जयंत ने अमृत कलश को लेकर आकाश में उड़ गए। इसके बाद दैत्यों ने जयंत का पीछा किया। इसके बाद 12 दिनों तक दैत्यों और देवताओं के बीच अमृत के लिए युद्ध होता रहा।   

जब गिरी अमृत की बूंदे

कहते हैं जब देवता और दानवो के बीच लड़ाई हो रही थी तब अमृत की कुछ बूंदे प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और चौथी बूंद नासिक में गिरी। यही कारण है कि हर साल कुंभ इन्हीं चार जगहों पर मनाया जाता है। कहते हैं कि पृथ्वी लोक में स्वर्ग लोक का एक दिन एक साल के बराबर मनाया जाता है। यही कारण है कि कुंभ कुल 12 होते हैं। जिनमें से चार कुंभ पृथ्वी पर और आठ कुंभ देवलोक में होते हैं।

English summary :
Kumbh Mela 2019 Prayagraj: Kumbh Mela is organised in Prayagraj (Allahabad). Kumb Mela will start form 14th January on the day of Makar Sankranti. People from India and abroad come to dive in the holy Triveni Sangam, the confluence of the Ganges, Yamuna and "invisible" Sarasvati. There are many mythology stories related to Kumbh Mela. Here is the history of Kumbh Mela.


Web Title: Kumbh Mela 2019: know the history of Kumbh

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