Pongal 2020: पोंगल के मौके पर जलीकट्टू खेल का भी आयोजन, जानिए कैसे खेला जाता है ये खतरनाक खेल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 15, 2020 09:38 IST2020-01-15T09:38:32+5:302020-01-15T09:38:32+5:30

तमिलनाडु में पोंगल के उत्सव के दौरान जलीकट्टू खेल का भी आयोजन किया जाता है, जो बेहद खतरनाक है। इस पर रोक लगाने की भी बात होती रही है।

Jallikattu competitions begins in Tamil Nadu on Pongal, know what is Jallikattu and how it is played | Pongal 2020: पोंगल के मौके पर जलीकट्टू खेल का भी आयोजन, जानिए कैसे खेला जाता है ये खतरनाक खेल

पोंगल पर तमिलनाडु में जलीकट्टू खेल का आयोजन (फोटो-एएनआई)

Highlightsतमिलनाडु में पोंगल के मौके पर जलीकट्टू खेल का भी हुआ आयोजनजलीकट्टू खेल की तैयारी कई महीने पहले से शुरू हो जाती है, सांड़ को काबू करने का है ये खेल

उत्तर भारत में मकर संक्रांति और दक्षिण भारत में पोंगल का त्योहार मनाया जा रहा है। पोंगल चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है जिसे तमिलनाडु में बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। मकर संक्रांति और लोहड़ी की तरह ही पोंगल का त्योहार भी फसल और किसान से जुड़ा है। ये फसल कटाई का उत्सव है और इसलिए लोग खुशियां मनाते हैं और भगवान को प्रसाद अर्पण करते हैं। 

इन सभी के बीच तमिलनाडु में पोंगल के उत्सव के दौरान जलीकट्टू खेल का भी आयोजन किया जाता है, जो बेहद खतरनाक है। इस पर रोक लगाने की भी बात होती रही है। सुप्रीम कोर्ट का भी आदेश इस संबंध में कुछ साल पहले आया था लेकिन तमिलनाडु के कई हिस्सों में ये आज भी आयोजित किया जाता है। आइए, जानते हैं जलीकट्टू खेल क्या है और इसे कैसे खेला जाता है।

Pongal 2020: जलीकट्टू खेल क्या है

यह दरअसल फुर्ती और ताकत का खेल है। इसकी तैयारी तमिलनाडु के ग्रामीण क्षेत्रों में कई महीने पहले से शुरू ह जाती है। जली का अर्थ होता है 'सिक्का ' और कट्टू का मतलब है 'बंधा हुआ'। इस खेल के दौरान सांड़ के सींग में कपड़ा बांधा होता है। इस कपड़े में पुरस्कार की राशि बांधी जाती है। 

इसके बाद खेल शुरू करते हुए सांड़ को भीड़ में छोड़ दिया जाता है और युवक पुरस्कार राशि को हासिल करने के लिए सांड़ के कुबड़ को पकड़कर उसे काबू में करने की कोशिश करते हैं। इस खेल में प्रतियोगी सांड के कुबड़ को तब तक पकड़े रखना होता है, जब तक कि वह वश में न आ जाये। 


खास बात ये है कि इस खेल के लिए सांड को एक साल से ज्यादा वक्त तक से तैयार किया जाता है। जलीकट्टू खेल के बाद कमजोर सांड़ों का उपयोग घरेलू कार्यों में लगा दिया जाता है जबकि मजबूत सांड का उपयोग गाय के साथ अच्छे नस्ल के प्रजनन के काम में लगाया जाता है।

Pongal 2020: पोंगल का चार दिन का उत्सव

पोंगल की शुरुआत घरों की साफ-सफाई से होती है। पुराने सामान को घर से बाहर निकालकर जलाया जाता है। साथ ही लोग अपने घरों को फूलों, आम के पत्तों आदि से समझाते हैं और रंगोली (कोलम) बनाते हैं। साथ ही परिवार के रिश्तेदारों और मित्रों से भी मिलने और एक-दूसरे को उपहार देने की परंपरा है। यह त्योहार चार दिन तक चलता है। यह त्योहार तमिल महीने 'तइ' की पहली तारीख से शुरू होता है। 

पहले दिन को भोगी पोंगल कहा जाता है। इसके बाद दूसरे दिन थाई पोंगल, तीसरे दिन मट्टू पोंगल और चौथे दिन कान्नुम पोंगल का त्योहार मनाया जाता है। पोंगल त्योहार के दौरान खेती में काम आने वाले बैलों को स्नान कराने, उनके सींगों को सजाने और उन्हें पूजने की भी परंपरा है। 

Web Title: Jallikattu competitions begins in Tamil Nadu on Pongal, know what is Jallikattu and how it is played

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