प्रेरणा: प्रेमानंद महाराज से सीखें मन को नियंत्रित करने की कला

By रुस्तम राणा | Updated: June 1, 2025 05:14 IST2025-06-01T05:14:23+5:302025-06-01T05:14:23+5:30

हर सुबह हमारे पास एक नया अवसर होता है — स्वयं को समझने का, अपने कर्मों को सुधारने का और जीवन को नए दृष्टिकोण से देखने का। ऐसे ही एक अवसर पर यदि प्रेमानंद महाराज के वचनों का दर्शन हो जाए, तो मन और आत्मा दोनों एक नई ऊर्जा से भर उठते हैं।

Inspiration: Learn the art of controlling the mind from Premananda Maharaj | प्रेरणा: प्रेमानंद महाराज से सीखें मन को नियंत्रित करने की कला

प्रेरणा: प्रेमानंद महाराज से सीखें मन को नियंत्रित करने की कला

हर सुबह एक नया अवसर लेकर आती है—स्वयं को समझने, अपने जीवन को सुधारने और एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने का। यदि इस यात्रा की शुरुआत प्रेमानंद महाराज के उपदेशों से हो, तो यह और भी सार्थक हो जाती है। प्रेमानंद महाराज, जिनके सरल और सटीक शब्दों में जीवन की गहराई छुपी होती है, अपने प्रवचनों में बार-बार इस बात पर ज़ोर देते हैं कि "मन को नियंत्रित करना ही आत्म-विकास का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है।" मन, यदि अस्थिर हो, तो हमारी सोच, भावनाएँ और कर्म तीनों भटक जाते हैं। लेकिन यदि वही मन नियंत्रित हो जाए, तो साधारण जीवन भी दिव्यता से भर सकता है।

मन का नियंत्रण: दिनचर्या और नियमों का महत्व

प्रेमानंद महाराज अपने प्रवचनों में बताते हैं कि मन को नियंत्रित करने के लिए एक नियमित दिनचर्या और नियमों का पालन अत्यंत आवश्यक है। वे कहते हैं:

"मन को नियंत्रित करने के लिए दिनचर्या और नियमावली का पालन आवश्यक है।"

यह वाक्य हमें यह सिखाता है कि यदि हम अपने जीवन में एक निश्चित अनुशासन अपनाएं, तो मन की चंचलता को नियंत्रित किया जा सकता है। सुबह जल्दी उठना, ध्यान और प्रार्थना करना, और दिनभर के कार्यों को एक निर्धारित समय पर करना—ये सभी आदतें हमारे मन को स्थिर और शांत बनाती हैं।

भक्ति और सेवा: जीवन का सच्चा मार्ग

महाराज जी के अनुसार, भक्ति और सेवा ही जीवन का सच्चा मार्ग है। जब हम अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर दूसरों की सेवा करते हैं, तो हमें आत्मिक संतोष प्राप्त होता है। वे कहते हैं:

"सेवा और संतोष से बड़ा कोई सुख नहीं।"

यह संदेश हमें यह याद दिलाता है कि हमारा जीवन केवल अपने लिए नहीं, बल्कि समाज, परिवार और ईश्वर की सेवा के लिए है।

दिन की शुरुआत: सकारात्मक सोच के साथ

सुबह-सुबह यदि हम प्रेमानंद महाराज के विचारों का स्मरण करें, तो दिन भर की दौड़-भाग में भी मन स्थिर और शांत बना रहता है। उनका संदेश हमें यह प्रेरणा देता है कि हर दिन एक नया अवसर है—स्वयं को सुधारने और दूसरों के जीवन में प्रकाश बनने का।

Web Title: Inspiration: Learn the art of controlling the mind from Premananda Maharaj

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