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काशी विश्वनाथ के करना चाहते हैं दर्शन? जानिए पहुँचने का मार्ग, मंदिर खुलने और पूजा-आरती का समय

By सतीश कुमार सिंह | Updated: January 18, 2021 19:07 IST

Shri Kashi Vishwanath Temple: वाराणसी (बनारस) स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर का हिंदू धर्म में प्रमुख स्थान है। यह भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक हैं।

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ठळक मुद्देश्रद्धालु घर बैठे ही दर्शन-पूजन के साथ रुद्राभिषेक तक करा सकते हैं।1780 में इंदौर की महारानी अहिल्ला बाई होल्कर ने काशी विश्वनाश मंदिर का निर्माण करवाया। धर्म ग्रंथ में काशी का उल्लेख महाभारत और उपनिषद में भी किया गया है।

काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित है। गंगा नदी के तट पर बसे बनारस में स्थित काशी विश्वनाथ भगवान शिव के बारह पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। काशी (how to reach kashi) को भारत की आध्यात्मिक राजधानी कहा जाता है। इसे भगवान शिव की नगरी (City of Lord Shiva) भी माना जाता है। काशी को ही वाराणसी या बनारस भी कहा जाता है। हर साल देश-विदेश से लाखों शिव-भक्त काशी विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए वाराणसी आने की इच्छा रखते हैं। इस आलेख में हम आपको बताएंगे कि पहले वाराणसी आप कैसे पहुंच सकते हैं और वाराणसी आने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर तक आप कैसे पहुंचेंगे। 

आपको हम काशी विश्वनाथ मंदिर के खुलने और पूजा-आरती का समय भी बताएंगे ताकि आप कुसमय पहुँचकर असुविधा का सामना न करें। हम आपको यह भी बताएंगे वर्ष का कौन सा समय और तिथि काशी विश्वनाथ के दर्शन और पूजन के लिए श्रेष्ठ है।

बनारस को काशी और वाराणसी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा अनुमान है कि इस शहर में 3000 से अधिक मंदिर हैं। यहां पर हर गली में एक से अधिक मंदिर हैं। शहर अपनी ऐतिहासिक और पौराणिक कहानियों, सुंदर मंदिरों और दिलचस्प किंवदंतियों के लिए प्रसिद्ध है।

आपको बता दें यहां रोज गंगा आरती की जाती है। जो बेहद प्रसिद्ध है। गंगा आरती देखना तीर्थयात्रियों के लिए अलग अनुभव है। यह शानदार आरती दशाश्वमेध घाट पर होती है। गंगा आरती सात लकड़ी के तख्तों पर होती है।

काशी विश्वनाथ मंदिर का महात्म्य (Kashi Vishwanath Temple Importance)

काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक। कहा जाता है कि बनारस भगवान शिव की त्रिशूल पर विराजमान है। ऐसे तो सालों भर यहां लोग आते हैं, लेकिन सावन आते ही भगवान शिव के दर्शन के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। हिंदू धर्म में काशी का काफी महत्व है। यह तीनों लोकों में न्यारी है। इस मंदिर का निर्माण इंदौर की महारानी अहिल्ला बाई होल्कर ने करवाया। पुराणों में कहा गया है कि भगवान शिवशंकर और माता पार्वती का यह स्थान प्रिय है। काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव का प्रसिद्ध और सातवां ज्योतिर्लिंग हैं। धर्म और आस्था का प्रमुख केंद्र है। 

काशी विश्वनाथ मंदिर खुलने का समय (kashi vishwanath temple timing)

बनारस में भगवान शिव खुद निवास करते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर में पांच बार आरती होती है। मंदिर रोजाना सुबह (भोर) 2.30 बजे सुबह खोला जाता है और रात 11 बजे बंद कर दिया जाता है। हर समय घंटे की आवाज आपको सुनाई देती है। काशी कुछ अलग ही है। मंदिर के साथ ही यहां पर सैकड़ों घाट भी हैं।

मंगला आरती के साथ पूरे दिन भर में चार बार आरती होने की परंपरा हैं। भक्तों के लिए सुबह 4 बजे खोला जाता है। आरती के बाद लोग दोपहर 12 से 7 बजे तक पूजा कर सकते हैं। शाम को सात बजे सप्त ऋषि आरती का आयोजन होता है। फिर रात 9 बजे तक भक्त दर्शन कर सकते हैं। रात 10.30 में शयन आरती का आयोजन किया जाता है और राज 11 बजे मंदिर को बंद किया जाता है।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराके मंदिर में दर्शन-पूजन

भक्त गण अब ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराके मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए समय ले सकते हैं। श्रद्धालु दर्शन का समय अपनी मर्जी और सुविधानुसार चुन सकते हैं। श्रद्धालुओं को mahadevdarshan.org वेब पेज पर जाकर अपना विवरण भरना होगा। तिथि और समय का विकल्प क्लिक करने के बाद अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल और दर्शन करने वालों की संख्या का विवरण भर कर स्लिप का प्रिंट ले लें, क्योंकि मंदिर परिसर में मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं है।

काशी विश्वनाथ मंदिरः कहां ठहरें

बनारस में महत्यपूर्ण पर्यटन स्थल है। यहां पर आपको सस्ते और महंगे होटल और लॉज मिल जाएंगे। काशी विश्वनाथ मंदिर के आस-पास में कई होटल और लॉज हैं, जो किफायती दाम में उपलब्ध हैं। 

काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन का मार्ग कैसे जा सकते हैं...

बनारस की यात्रा देश के बड़े शहरों से कर सकते हैं। फ्लाइट, ट्रेन और बस आसानी से उपलब्ध है। आपको बता दें लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा दिल्ली और मुंबई से जुड़ा हुआ है। यहां पर कई रेलवे स्टेशन हैं। लेकिन वाराणसी और मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन प्रमुख हैं। आप या तो हवाई यात्रा करके वाराणसी पहुंच सकते हैं या फिर रेल और सड़क के जरिए पवित्र काशी नगरी जा सकते हैं।

वायु मार्ग

बनारस के लिए हर दिन हवाई सेवा है। आप दिल्ली, मुंबई, आगरा, खुजराहो, कोलकाता, लखनऊ, गया, पटना आदि शहरों से यहां पहुंच सकते हैं। बनारस सिटी से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट यहां का नजदीकी एयरपोर्ट है। हवाई सेवाएँ टर्मिनल मैनेजर बाबतपुर एयरपोर्ट : 0542-2623060 एयरपोर्ट डायरेक्टर : 0542-2622155

रेल मार्ग

बनारस देश का प्रमुख जंक्शन है। उत्तर भारत का एक बड़ा रेलवे जंक्शन है। यहां पर देश के किसी भी जगह से पहुंच सकते हैं। यहां कई प्रमुख स्टेशन है। वाराणसी और मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन प्रमुख हैं। नई दिल्ली, मुंबई, सूरत, कोलकाता, पटना, इलाहाबाद,चेन्नई, हैदराबाद, मेरठ, लखनऊ, देहरादून, गुवाहाटी, पुणे से सीधी रेल सेवा से जुड़ा है। 

बनारस से 18 किलोमीटर की दूरी पर मुगलसराय रेलवे स्टेशन है जहां से पश्चिम से पूर्व की ओर जाने वाली कई ट्रेनें गुजरती हैं। आप चाहे तो मुगलसराय भी उतरकर बस या ऑटो के जरिए वाराणसी पहुंच सकते हैं। 

सड़क मार्ग

बनारस कई राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा है। यहां पर एनएच 2, एनएच 7, एनएच 28 सहित कई मार्ग हैं। पूरे देश में सभी प्रमुख सड़कों से जुड़ा हुआ है। कई राज्य से बस सेवा सर्विस हैं। आप बस से यहां पर पहुंच सकते हैं। इलाहाबाग, लखनऊ, गया, कोलकाता, सासाराम, नई दिल्ली सहित कई शहर से बस सुविधा हैं। 

राज्‍य की और कई प्राइवेट बसें वाराणसी के लिए देश के टियर 1 और टियर 2 शहरों से उपलब्‍ध हैं। काशी विश्‍वनाथ मंदिर पहुंचने के लिए आपको टैक्‍सी या ऑटोरिक्‍शा लेकर लहोरी टोला पहुंचना होगा।

टॅग्स :वाराणसीउत्तर प्रदेशबनारस हिंदू विश्वविद्यालयश्री काशी विश्वनाथ मंदिर
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