Holi 2020: एक बाबा का शाप और 150 सालों से नहीं मनाई गई होली, जानिए उन जगहों के बारे में जहां नहीं होता रंगों का उत्सव

By विनीत कुमार | Published: March 10, 2020 07:16 AM2020-03-10T07:16:53+5:302020-03-10T07:16:53+5:30

Holi 2020: होली मनाने को लेकर देश भर में कई अलग-अलग परंपराएं हैं। हालांकि, कई ऐसी जगहें भी जहां होली खेलने की परंपरा नहीं है।

Holi 2020: places in India where holi is not celebrated | Holi 2020: एक बाबा का शाप और 150 सालों से नहीं मनाई गई होली, जानिए उन जगहों के बारे में जहां नहीं होता रंगों का उत्सव

Holi 2020: कई जगहों पर नहीं खेली जाती होली

HighlightsHoli 2020: मध्य प्रदेश सहित हरियाणा और झारखंड में हैं ऐसे गांव जहां नहीं मनाई जाती होलीउत्तर प्रदेश के कुंडरा गांव में पुरुषों को होली खेलने की इजाजत नहीं, केवल महिलाएं मनाती हैं होली

Holi 2020:होली का त्योहार आज देश भर में मनाया जा रहा है। लोग इस दिन एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और होली की शुभकामनाएं देते हैं। दुश्मनों को भी दोस्त बनाने वाले इस त्योहार को मनाने को लेकर देश के अलग-अलग इलाकों में कई प्रकार की परंपरा है।

हालांकि, कुछ ऐसी जगहें भी हैं जहां होली का त्योहार नहीं मनाया जाता है। ये बात हैरान करने वाली जरूर है लेकिन इसके पीछे के कारण और भी चौंकाते हैं। आईए, आज हम आपको उन जगहों के बारे में बताते हैं जहां होली नहीं खेली जाती है।

1. इस गांव में केवल महिलाएं खेलती हैं होली

उत्तर प्रदेश के कुंडरा गांव में केवल महिलाएं ही रंगों और गुलाल से होली खेलती हैं। यहां पुरुष होली नहीं खेलते और दिन भर के लिए या तो खेत या फिर गांव से अलग चले जाते हैं, ताकि महिलाएं होली खेल सकें। यहां लड़कियों और और बच्चों को भी होली खेलने की इजाजत नहीं है।

गांव की महिलाएं यहां राम जानकी मंदिर में एकत्र होती हैं और होली खेलती हैं। ऐसा क्यों, इसके पीछे एक वजह है। दरअसल यहां होली के दिन मेमार सिंह नाम के एक डकैत ने एक ग्रामीण की हत्या कर दी थी। उसके बाद से यहां के लोगों ने होली खेलना बंद कर दिया। बाद में महिलाओं को होली खेलने की इजाजत मिली।

2. यहां भी होली नहीं, इसके पीछे है एक डर

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की मुलताई तहसील के डहुआ गांव में पिछले करीब 125 साल से होली नहीं खेली गई है। ऐसा कहते हैं कि करीब 125 साल पहले होली के दिन ही गांव के प्रधान की यहां बावड़ी में डूबने से मौत हुई थी। इससे गांव वाले बहुत दुखी हुई और उनके मन में भय समा गया। इस घटना के बाद गांव वालों ने कभी होली नहीं मनाई।

3. रंग से महामारी और आपदा का डर

झारखंड के बोकारो के करीब दुर्गापुर में भी पिछले 100 साल से होली नहीं खेली गई है। यहां लोग डरत हैं कि अगर एक-दूसरे पर रंग लगाया या होली मनाई तो गांव में महामारी और आपदा आ सकती है।

इसकी कहानी कई सालों पहले एक राजा के बेटे की होली के दिन मौत से जुड़ी है। कहते हैं कि उस घटना के बाद जब भी होली यहां खेली गई तो गांव में कोई बीमारी फैल जाती या कुछ अशुभ होता। इसके बाद राजा ने यहां कभी होली नहीं खेलने का आदेश दिया था।

4. एक शाप और फिर यहां कभी नहीं मनाई गई होली

हरियाणा के कैथल के गुहल्ला चीका स्थित गांव में भी पिछले 150 साल से होली नहीं मनाने के पीछे के हैरान करने वाली कहानी है। कहते हैं कि इस गांव में एक ठिगने कद के बाबा रहते थे। हमेशा लोग उनका मजाक बनाते। होली से पहले भी यही सिलसिला जारी रहा।

आखिरकार क्रोधित बाबा होलिका दहन के दिन अग्नि में कूद गये। इससे पहले उन्होंने शाप दिया अब से जो भी इस गांव में होली मनाएगा, उसके परिवार का नाश हो जाएगा। इसके बाद से ही इस गांव में कभी होली नही मनाई गई। ऐसा भी कहते हैं कि मरने से पहले गांव वालों ने बाबा से माफी मांगी। बाबा ने फिर कहा कि अगर भविष्य में होली के दिन किसी के यहां पुत्र का जन्म होता है और उसी दिन गांव में कोई गाय बछड़े को भी जन्म देती है तो ये शाप खत्म हो जाएगा। हालांकि, अभी तक ऐसा संयोग नहीं बन सका है। 

5. गांव में आग और बंद हो गई होली

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से जुड़ी भी एक अजीबोगरीब कहानी है। कोरबा से करीब 35 किलोमीटर दूर खरहरी नाम के गांव में पिछले करीब 200 साल से होली नहीं मनाई जा रही है। गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि इस गांव में भीषण आग लगी थी और उसके बाद महामारी फैल गई और लगातार लोगों की मौतें होने लगी। इस मुश्किल से छुटकारा पाने के लिए एक हकीम के सपने में देवी मां ने दर्शन दिए और होली नहीं मनाने को कहा। देवी ने कहा कि उनकी बात मानने से गांव में शांति वापस आ सकती है। इसके बाद से ही होली का त्योहार यहां कभी नहीं मनाया गया।

Web Title: Holi 2020: places in India where holi is not celebrated

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