Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज पर बन रहा रवि योग का संयोग, महादेव और मां पार्वती की पूजा करने से अक्षय फल की होगी प्राप्ति
By मनाली रस्तोगी | Updated: August 29, 2024 05:54 IST2024-08-29T05:54:48+5:302024-08-29T05:54:48+5:30
इस वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर, गुरुवार को दोपहर 12:21 बजे शुरू हो रही है। यह 6 सितंबर को दोपहर 3:01 बजे तक रहेगा। व्रत रखने की परंपरा पारंपरिक रूप से उदया तिथि पर आधारित है। हरतालिका तीज 6 सितंबर को मनाई जाएगी।

Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज पर बन रहा रवि योग का संयोग, महादेव और मां पार्वती की पूजा करने से अक्षय फल की होगी प्राप्ति
हरतालिका तीज एक बहुत ही शुभ अवसर है, जिसे हिंदू समुदाय द्वारा मनाया जाता है। भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को विवाहित और अविवाहित महिलाएं हरतालिका तीज व्रत रखती हैं। इस साल इस शुभ अवसर पर रवि योग भी पड़ रहा है। इस योग के दौरान सूर्य का प्रभाव प्रबल होता है, जिससे जीवन की सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस अवसर पर भक्त देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते हैं।
इस वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर, गुरुवार को दोपहर 12:21 बजे शुरू हो रही है। यह 6 सितंबर को दोपहर 3:01 बजे तक रहेगा। व्रत रखने की परंपरा पारंपरिक रूप से उदया तिथि पर आधारित है। हरतालिका तीज 6 सितंबर को मनाई जाएगी।
रवि योग कब है?
इस वर्ष रवि योग हरतालिका तीज के दिन ही पड़ रहा है। यह सुबह 9:25 बजे शुरू होगा और अगले दिन 7 सितंबर को सुबह 6:02 बजे तक रहेगा। रवि योग के समापन के बाद, शुक्ल योग भी उसी दिन पड़ रहा है। हरतालिका तीज पर हस्त नक्षत्र सूर्योदय से शुरू होकर सुबह 9:25 बजे तक रहेगा, उसके बाद चित्रा नक्षत्र शुरू होगा।
जानिए शुभ समय
जो महिलाएं 6 सितंबर को हरतालिका तीज का व्रत रखेंगी उनके लिए सिर्फ 2 घंटे 31 मिनट का पवित्र मुहूर्त होगा। शुभ समय सुबह 6:02 बजे से शुरू होकर 8:33 बजे तक रहेगा। कुछ स्थानों पर, हरतालिका तीज पूजा प्रदोष काल के दौरान की जाती है, जो सूर्यास्त के बाद शुरू होती है। इस शुभ दिन पर सूर्यास्त शाम 6 बजकर 36 मिनट पर होगा।
हरतालिका तीज के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:30 बजे से 5:16 बजे तक है, जबकि शुभ अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:54 बजे से दोपहर 12:44 बजे तक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह व्रत महिलाओं के वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाने वाला होता है। ऐसा माना जाता है कि इससे परिवार में शांति और समृद्धि आती है। अविवाहित महिलाएं भी अक्सर अपनी पसंद का साथी पाने के लिए यह व्रत रखती हैं।