नहाय खाय के साथ गंगा दशहरा का पावन पर्व भी शुरू हो गया है। दशमी तिथि की बुधवार से शुरू होने वाले इस पवित्र पर्व की शुरूआत आधी रात से ही हो चुकी है। मान्यता है कि गंगा दशहरा वाले दिन मां गंगा में डुबकी लगाने या दर्शन मात्र से ही सारे पाप धुल जाते हैं। माना यह भी जाता है कि गंगा दशहरा वाले दिन दान-पुण्य करने से भी सारी गलतियां माफ हो जाती हैं। इस बार का गंगा दशहरा एक अद्भुत संयोग के साथ आया है। आज हम आप को गंगा दशहरा के इसी संयोग के बारे में बताने जा रहे हैं साथ ही बताएंगें कि गंगा दर्शन पर किन चीजों का दान आपके सभी कष्टों को दूर कर देगा।
ये है शुभ मूर्हूत
गंगा दशहरा के स्नान का मूर्हूत इस बार 23 मई शाम 7 बज के 12 मिनट से शुरू होकर 24 मई शाम 6 बजकर 18 मिनट पर खत्म हो रहा है। यही कारण है कि इस साल गंगा दशहरा 24 मई को मनाया जा रहा है। गंगा दशहरा में मां गंगा के दर्शन और डुबकी लगाने के लिए बुधवार से ही श्रद्धालुओं के हरिद्बार पहुंचने का क्रम जारी रहा। हर की पौड़ी पर स्नान को सकुशल संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने चाक चौबंद व्यवस्था की है। हाईवे पर भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।
गंगा दशहरा पर शिव की पूजा का है खास महत्व
मान्यता है कि गंगा दशहरा के ही दिन मां गंगा धरती पर आई थीं। यह गंगा भगवान शिव की जटाओं के मध्य से होती हुई धरती आई थीं। यही कारण है कि आज के दिन मां गंगा के साथ भगवान शिव की पूजा का भी विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
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सत्तू और मटके का करें दान
गंगा दशहरा के दिन वैसे तो आम तौर पर सत्तू और मटके का दान करते हैं। इस गंगा दशहरा आप सत्तू और मटके के साथ पंखे का दान जरूर करें। साथ ही अगर आप पूरे विधी-विधान से भगवान विष्णु के नाम का व्रत करते हैं तो इसका भरपूर लाभ आपको मिलेगा। गंगा दशहरा के दिन भक्त भगवान विष्णु के नाम का व्रत करते हैं। इस दिन पूरा दिन अन्न ग्रहण नहीं किया जाता। कुछ लोग फलाहार लेते हैं, लेकिन कुछ लोग जल का भी त्याग कर देते हैं। किंतु यदि आप इतना कठोर व्रत ना भी कर सकें, तो फलाहार के साथ ही व्रत कर सकते हैं।
है खास संयोग मिलेगा दस पापों से छुटकारा
24 मई को पड़ रहे गंगा दशहरा पर इस बार अद्भुत संयोग बन रहा है। गंगा दशहरा पर गर करण, वृषस्थ सूर्य, कन्या का चंद्र होने के कारण बेहद खास होगा जो महाफलदायी है। इस बार योग विशेष का बाहुल्य होने से इस दिन स्नान, दान, जप, तप, व्रत और उपवास आदि करने का बहुत महत्व है। आज के दिन गंगा में डुबकी लगाने से 10 प्रकार के पापों (तीन प्रकार के कायिक, चार प्रकार के वाचिक और तीन प्रकार के मानसिक) से दूर हो जाएगा।
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ऐसे करें पूजा
गंगा दशहरा ज्येष्ठ अधिकमास में होने से पूर्वोक्त कृत्य शुद्ध की अपेक्षा मलमास में करने से अधिक फल प्राप्त होता है। गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान करके शिवलिंग पर गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य और फल आदि से पूजन करके रात्रि जागरण करने वाले को अनंत फल प्राप्त होता है।