Ganesh Chaturthi: गणेश प्रतिमा का विसर्जन क्यों कर दिया जाता है? महाभारत से जुड़ी है ये दिलचस्प कहानी
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: September 2, 2019 07:54 IST2019-09-02T07:54:31+5:302019-09-02T07:54:31+5:30
Ganesh Chaturthi: गणेशोत्सव की शुरुआत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को होती है और फिर अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है।

भगवान गणेश की प्रतिमा विसर्जित क्यों करते हैं, जानिए
गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। खासकर महाराष्ट्र में गणेशोत्सव को लेकर आम लोगों में खूब उमंग रहता है। इस दिन देश भर के कई जगहों और चौक-चौराहों पर पंडाल लगाने और भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करने की परंपरा है।
आम लोग अपने घरों में भी भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं और 3 से लेकर 11 दिनों में अपनी-अपनी मान्यता के अनुसार उनको विसर्जित करते हैं। करीब 11 दिन चलने वाला गणेशोत्सव अनंत चतुर्दशी के दिन समाप्त हो जाता है। वैसे क्या आप जानते हैं भगवना गणेश की धूमधाम और पूरी भक्ति से पूजा-पाठ के बाद फिर उनकी प्रतिमा को क्यों विसर्जित कर दिया जाता है। जानिए इससे जुड़ी रोचक कहानी
Ganesh Chaturthi: गणेश प्रतिमा का विसर्जन क्यों करते है?
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार श्री वेद व्यास ने गणेश चतुर्थी से महाभारत कथा श्री गणेश को लगातार 10 दिनों तक सुनाई थी। श्री गणेश जी ने अक्षरश: इसे लिखा था। वेद व्यास ने जब 10 दिन बार आंखें खोली तो पाया कि 10 दिन की अथ मेहनत के बाद गणेश जी का तापमान बहुत अधिक हो गया था।
इसके बाद वेद व्यास जी ने गणेश जी को निकट के सरोवर में ले जाकर ठंडा किया था। इसलिए गणेश स्थापना कर चतुर्दशी को उनको शीतल किया जाता है। इसी कथा में यह भी वर्णित है कि श्री गणपति जी के शरीर का तापमान ना बढ़े इसलिए वेद व्यास जी ने उनके शरीर पर सुगंधित सौंधी माटी का लेप किया।
यह लेप सूखने पर गणेश जी के शरीर में अकड़न आ गई। माटी झरने लगी, तब उन्हें शीतल सरोवर में ले जाकर पानी में उतारा। इस बीच वेदव्यास जी ने 10 दिनों तक श्री गणेश को मनपसंद आहार अर्पित किए तभी से प्रतीकात्मक रूप से श्री गणेश प्रतिमा का स्थापन और विसर्जन किया जाता है। साथ ही उन्हे 10 दिनों तक स्वादिष्ट आहार चढ़ाने की भी प्रथा है।