पूरे देश में रमजान का पाक महीना मनाया जा रहा है। इसके खत्म होने के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है। इस बार रमजान 24 अप्रैल से शुरू हुआ है। वहीं ईद की तारीख को लेकर बड़ी उलझन हैं। वहीं ईस बार ईद-उल-फितर को 25 मई को मनाया जाने की उम्मीद है। इस ईद को मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है।
ईद को पूरी दुनिया में पूरे धूम से मनाया जाता है। लोग इस दिन घरों में मीठे पकवान बनाते हैं। खासकर सेंवईंयां जरूर बनती है। लोग एक-दूसरे से गले मिलकर शिकवें दूर करते हैं। इस्लाम धर्म में ये त्योहरा भाईचाहे का संदेश देता है। मगर इस बार सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना जरूरी और उचित दोनों है।
ईद-उल-फितर की तारीख की बात करें तो यदि 23 मई को चांद दिख गया तो 24 मई को ईद मनायी जाएगी। वहीं अगर 24 मई को चांद दिखा तो ईद 25 मई की होगी। इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नए कपड़े पहनर नमाज अदा करते हैं और अपने परिवार के अमन चैन की दुआ करते हैं। इस दिन पढ़ी जाने वाली नमाज को सलात अल फज्र कहा जाता है। वहीं ईद से पहले हर मुसलमान के लिए फितरा देना फर्ज बताया गया है।
गरीब भी मना सकें खुशियां
ईद से पहले हर इंसान को लगभगव पौने दो किलो अनाज या उसकी कीमत गरीबों को दी जाती है। जिससे गरीब व्यक्ति भी ईद की खुशी मना सकें। बताया जाता है कि इसी दिन पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब ने बद्र के युद्ध में फतह हासिल की थी। इसी युद्ध में फतह पाने की खुशी में लोग ईद को मनाते हैं।
दी जाती है बक्शीश
रमजान के महीने में रोजे रखने के बाद अल्लाह के इस दिन पर बक्शीश और ईनाम दिया जाता है। इसलिए इस दिन को ईद कहते हैं। मुसलमान ईद में खुदा का शुक्रिया अदा करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि खुदा ने महीने भर के उपवास रखने की ताकत दी। वहीं ईद के ढाई महीने बाद ईद-उल-अजहा आती है। जिसे बकरीद कहा जाता है।