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Kartik Month 2024: दुर्भाग्य से बचने के लिए कार्तिक मास के दौरान आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, जानिए यहां

By मनाली रस्तोगी | Updated: October 17, 2024 07:28 IST

Kartik Month 2024: कार्तिक माह में पड़ने वाला दिवाली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। तुलसी के साथ भगवान विष्णु के मिलन का सम्मान करते हुए तुलसी विवाह समारोह द्वारा इस महीने की पवित्रता को बढ़ाया जाता है।

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ठळक मुद्देदामोदर मास या कार्तिक मास हिंदू कैलेंडर में अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व रखता है। भक्त दिव्य आशीर्वाद पाने के लिए उपवास, ध्यान और दान जैसी कठोर आध्यात्मिक प्रथाओं का पालन करते हैं।महीने की पूर्णिमा का दिन, कार्तिक पूर्णिमा, भगवान शिव के पृथ्वी पर अवतरण का जश्न मनाता है। 

Kartik Month 2024: दामोदर मास या कार्तिक मास हिंदू कैलेंडर में अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व रखता है। सबसे पवित्र महीना माना जाता है, यह भगवान विष्णु के दिव्य शासनकाल का स्मरण कराता है। भक्त दिव्य आशीर्वाद पाने के लिए उपवास, ध्यान और दान जैसी कठोर आध्यात्मिक प्रथाओं का पालन करते हैं। महीने की पूर्णिमा का दिन, कार्तिक पूर्णिमा, भगवान शिव के पृथ्वी पर अवतरण का जश्न मनाता है। 

कार्तिक माह में पड़ने वाला दिवाली का त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। तुलसी के साथ भगवान विष्णु के मिलन का सम्मान करते हुए तुलसी विवाह समारोह द्वारा इस महीने की पवित्रता को बढ़ाया जाता है। कार्तिक माह आध्यात्मिक विकास, आत्म-चिंतन और नवीकरण के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करता है, जो भक्तों को अपने आंतरिक स्व और परमात्मा के साथ फिर से जुड़ने के लिए आमंत्रित करता है।

Kartik Month 2024: कार्तिक मास में कर सकते हैं ये काम

1. दीपदान और दीपक जलाना: कार्तिक मास के दौरान दीपदान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। भगवान कृष्ण या अन्य देवताओं को घी या तेल के दीपक अर्पित करें, जो अंधेरे पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। यह कार्य दैवीय आशीर्वाद को आकर्षित करता है, नकारात्मकता को दूर करता है और समृद्धि लाता है। एक पवित्र माहौल बनाने के लिए, इस अनुष्ठान को प्रतिदिन करें, विशेष रूप से सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान।

2. तुलसी पूजा और आराधना: कार्तिक मास भगवान कृष्ण और उनकी प्रेमिका तुलसी देवी को समर्पित है। पवित्र माने जाने वाले तुलसी के पौधे की पूजा, फूल और जल चढ़ाएं। यह पूजा आध्यात्मिक विकास, स्वास्थ्य और खुशी सुनिश्चित करती है। दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए "तुलसी विवाह" और "तुलसी कवच" जैसे मंत्रों का जाप करें।

3. दैनिक पूजा और सत्संग: कार्तिक मास दैनिक पूजा और सत्संग (आध्यात्मिक सभा) के महत्व पर जोर देता है। भगवद गीता, रामायण, या भागवत पुराण पर धर्मग्रंथ पाठ, कीर्तन और प्रवचन में संलग्न रहें। भक्ति और सांप्रदायिक बंधन को बढ़ावा देने के लिए आध्यात्मिक कार्यक्रमों में भाग लें या घर पर सभाएँ आयोजित करें।

4. उपवास और आहार अनुशासन: आत्म-अनुशासन और भक्ति विकसित करने के लिए कार्तिक मास के दौरान उपवास या आहार प्रतिबंधों का पालन करें। मांसाहारी भोजन, प्याज, लहसुन और नशीले पदार्थों से बचें। शरीर और मन को शुद्ध करने के लिए फल, सब्जियां और साबुत अनाज जैसे सात्विक भोजन का विकल्प चुनें।

5. दान और सेवा: कार्तिक मास दान और निस्वार्थ सेवा को प्रोत्साहित करता है। जरूरतमंदों को दान दें, गरीबों को भोजन कराएं और सामुदायिक सेवा में संलग्न रहें। आध्यात्मिक संस्थानों, मंदिरों या गौशालाओं का समर्थन करें। ऐसे कृत्य सकारात्मक कर्म, आध्यात्मिक विकास और दैवीय आशीर्वाद उत्पन्न करते हैं।

Kartik Month 2024: कार्तिक मास में क्या न करें?

1. मांसाहारी भोजन से परहेज करें: कार्तिक मास के दौरान मांसाहारी भोजन, अंडे और मछली का सेवन करने से बचें। यह काल आध्यात्मिक विकास और पवित्रता पर जोर देता है। ऐसा माना जाता है कि मांस का सेवन नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और आध्यात्मिक प्रगति में बाधा डालता है। इसके बजाय, शुद्ध और पवित्र वातावरण बनाए रखने के लिए फल, सब्जियां और साबुत अनाज जैसे सात्विक भोजन का विकल्प चुनें।

2. प्याज और लहसुन से बचें: प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन माना जाता है जो नकारात्मकता और नीरसता को बढ़ावा देता है। आध्यात्मिक शुद्धता बनाए रखने के लिए कार्तिक मास के दौरान इनका सेवन करने से बचें। माना जाता है कि ये खाद्य पदार्थ ध्यान और भक्ति प्रथाओं में बाधा डालते हैं। इसके बजाय, खाना पकाने के लिए अदरक, हल्दी और जीरा जैसे विकल्पों का उपयोग करें।

3. बाल काटना या शेविंग नहीं करना: कार्तिक मास के दौरान बाल काटने, शेविंग और नाखून काटने से बचें। ये गतिविधियां अशुभ मानी जाती हैं और नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकती हैं। आध्यात्मिक सद्भाव बनाए रखने और देवताओं को नाराज करने से बचने के लिए कार्तिक मास के बाद तक संवारने की गतिविधियों में देरी करें।

4. नशीली दवाओं और अवकाश गतिविधियों से दूर रहें: कार्तिक मास के दौरान नशे, जुआ और मनोरंजन गतिविधियों जैसे सिनेमा, थिएटर या अत्यधिक मनोरंजन से दूर रहें। ये गतिविधियां आध्यात्मिक लक्ष्यों से ध्यान भटकाती हैं और नकारात्मक कर्म का कारण बन सकती हैं। इसके बजाय, आध्यात्मिक विकास और दिव्य संबंध विकसित करने के लिए भक्ति अभ्यास, धर्मग्रंथ अध्ययन और आत्म-चिंतन में संलग्न रहें।

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों की Lokmat Hindi News पुष्टि नहीं करता है। यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित हैं। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें।)

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