लाइव न्यूज़ :

Dhanteras 2023: धनतेरस कब है? जानें सही तिथि, खरीदारी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

By रुस्तम राणा | Published: November 02, 2023 5:02 PM

धार्मिक मान्यता है कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरी समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन भगवान धन्वंतरी और मां लक्ष्मी जी की आराधना विधि-विधान से की जाती है।

Open in App

Dhanteras 2023:धनतेरस, हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है, जो दिवाली से दो दिन पूर्व मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से खरीदारी के लिए जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरी समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन भगवान धन्वंतरी और मां लक्ष्मी जी की आराधना विधि-विधान से की जाती है। इस पर्व की महत्वपूर्ण बात ये है कि इस दिन सोने-चांदी के आभूषण, पीतल के बर्तन एवं अन्य चीजों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है।  

धनतेरस 2023 कब है?

हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर धनतेरस मनाया जाता है। यह तिथि 10 नवंबर को दोपहर 12:35 बजे से शुरु होगी और अगले दिन 11 नवंबर को दोपहर, 1:57 बजे पर समाप्त होगी। चूंकि धनतेरस का त्‍योहार प्रदोष काल में मनाने की परंपरा है, इसलिए यह शुक्रवार को 10 नवंबर को मनाई जाएगी।  

खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त 

धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त दोपहर में 12 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर अगले दिन सुबह 11 नवंबर को 6 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।

धनतेरस पर लक्ष्‍मी पूजा का शुभ मुहूर्त

धनतेरस के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 47 से शुरू होगा और यह यह शाम को 7 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। पूजा मुहूर्त की अवधि कुल एक घंटा 56 मिनट की होगी। 

धनतेरस की पूजा विधि

सुबह उठकर नित्यक्रिया से निवृत्त होकर धनतेरस पूजा की तैयारी शुरू करें।घर के ईशान कोण में धन्वंतरी भगवान की पूजा करें। पूजा करते समय अपने मुंह को हमेशा ईशान, पूर्व या उत्तर दिशा में ही रखें।पूजा में पंचदेव (सूर्यदेव, गणेशजी, दुर्गा मां, शिवजी और विष्णुजी) की प्रतिमा स्थापित करें। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की षोडशोपचार से पूजा करें। पूजा के अंत में सांगता सिद्धि के लिए दक्षिणा जरूर चढ़ाएं।प्रदोष काल में घर के मुख्य द्वार या आंगन में दीया जलाएं। एक दीया यम देवता के नाम का भी जलाएं।

धनतेरस का महत्व

भगवान धन्वंतरी की पूजा से स्वास्थ्य और सेहत में लाभ मिलता है। इस दिन ही दीपावली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा के लिए मूर्ति भी खरीदते हैं। समुद्र मंथन के दौरान देवासुर संग्राम के वक्त भगवान धनवन्तरी स्वर्णमयी कलश लेकर उत्पन्न हुए थे। तभी से कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि में धनतेरस मनाने की परंपरा चली आ रही है। शास्त्रों के मुताबिक, धनतेरस के दिन नया सामान घर लाना बेहद शुभ माना गया है और इसका फल आपको अप्रत्यक्ष रूप से मिलता है। 

टॅग्स :धनतेरसदिवालीमां लक्ष्मी
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठAkshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर कैसे करें मां लक्ष्मी को खुश?, इन 5 मंत्रों का करें जाप ...

पूजा पाठHindu Nav Varsh 2024: देखें हिन्दू नव वर्ष के लिए व्रत-त्योहारों और छुट्टियों की पूरी लिस्ट

बिहारBihar Holiday Calendar 2024: शैक्षणिक कैलेंडर पर सियासी संग्राम, शिवरात्रि, रामनवमी, जन्माष्टमी, गोवर्धन पूजा और कार्तिक पूर्णिमा अवकाश खत्म, चेक कर लें कैलेंडर

कारोबारFestive Season Motor Vehicles: 42 दिन के त्योहारी सीजन में मोटर वाहन की कुल बिक्री 19 प्रतिशत बढ़कर 3793584, स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों की मांग सबसे अधिक

पूजा पाठDev Diwali 2023: श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को देव दीपावली पर 11 टन फूल से सजाया जाएगा, गंगा द्वार पर भव्य लेजर शो का आयोजन

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठMohini Ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी व्रत कल, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मिटते हैं सारे पाप

पूजा पाठParshuram Dwadashi 2024: क्यों मनाई जाती है परशुराम द्वादशी, क्या है इसका महत्व, जानें इसकी तिथि और समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 18 May 2024: आज आर्थिक फैसले लेते समय बरतें सावधानी, धन खर्च होने की संभावना

पूजा पाठआज का पंचांग 18 मई 2024: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठLord PARSHURAM: भगवान परशुराम ने स्वयं किसी का विध्वंस नहीं किया बल्कि पितृ स्मृतियों के वशीभूत होकर दुष्टों का वध किया