आज देशभर में मनाई जा रही महाशिवरात्रि, जलाभिषेक करने उमड़े भोले नाथ के भक्त
By रामदीप मिश्रा | Published: February 13, 2018 08:20 AM2018-02-13T08:20:57+5:302018-02-13T08:44:09+5:30
इस बार महाशिवरात्रि आज और कल दो दिन मनाई जा रही है। 13 फरवरी यानी आज की रात 10 बजकर 35 मिनट पर चतुर्दशी तिथि का शुभारंभ होगा। वहीं, 14 फरवरी की रात 12 बजकर 46 मिनट तक चतुर्दशी रहेगी।
नई दिल्ली, 13 फरवरी। देशभर में आज धूमधाम से महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। अलसुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगनी शुरू हो गई और शिव भक्त मंदिरों में बेलपत्र और कच्चे दूध से भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रहे हैं। शिवालयों को फूल-मलाओं से सजाया गया है। आज महाशिवरात्रि को भगवान शिव की पूजा करने का सबसे बड़ा दिन माना जा रहा है।
दो दिन मना सकते हैं महाशिवरात्रि
इस बार महाशिवरात्रि आज और कल दो दिन मनाई जा रही है। 13 फरवरी यानी आज की रात 10 बजकर 35 मिनट पर चतुर्दशी तिथि का शुभारंभ होगा। वहीं, 14 फरवरी की रात 12 बजकर 46 मिनट तक चतुर्दशी रहेगी। ऐसे में दोनों ही दिन श्रद्धालु भोलेनाथ का जलाभिषेक कर सकते हैं। महाशिवरात्रि की रात हिंदू धर्मग्रंथों में बेहद महत्वपूर्ण है।
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ऐसे करें पूजा
आप मंदिर जा रहे हैं तो सभी सामग्री लेकर जाएं और यदि घर पर शिवलिंग पूजा करने वाले हैं तो 'पारद शिवलिंग' अवश्य ले आएं। इसी शिवलिंग से आप विधिवत पूजन करेंगे तो भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होंगे। सबसे पहले शिवलिंग के सामने खड़े हो जाएं और हाथ जोड़कर स्वस्ति पाठ करें:, स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवा:, स्वस्ति ना पूषा विश्ववेदा:, स्वस्ति न स्तारक्ष्यो अरिष्टनेमि स्वस्ति नो बृहस्पति र्दधातु।
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इसके बाद पूजन का संकल्प लें। भगवान शिव, माता पार्वती समेत पूरे शिव परिवार का ध्यान करेंअब हाथ में बिल्वपत्र एवं अक्षत लेकर भगवान शिव का ध्यान करें। इसके बाद दही, घी, शहद या शक्कार आदि से एक-एक करके शिव स्नान कराएं। अब पंचामृत से स्नान कराएं। अंत में शुद्ध जल से स्नान कराएं। अब भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय को वस्त्र अर्पण करें। इसके बाद सभी को फल एवं मिठाई भी चढ़ाएं। सभी के सामने धुप जलाएं।
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अब हाथ धोकर भोलेनाथ को नैवेद्य लगाएं। इसके बाद सभी के सामने दक्षिणा चढ़ाकर आरती करें। यदि आप मंदिर में हैं तो पुजारी को भी दक्षिणा अवश्य दें। अब हाथ जोड़कर भगवान शिव से अपनी इच्छा की पूर्ति की प्रार्थना करें और साथ ही क्षमा-याचना भी करें।