महाशिवरात्रि 2018: इस सरल विधि से घर पर ही करें शिव पूजन, रखें विशेष नियमों का ख्याल
By गुलनीत कौर | Published: February 12, 2018 06:48 PM2018-02-12T18:48:38+5:302018-02-13T09:14:34+5:30
ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार 14 फरवरी दोनों में से किसी भी दिन शिव पूजन और व्रत किया जा सकता है।
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है महा शिवरात्रि पर्व। इस साल 13 और 14 फरवरी दोनों दिन महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। कई लोगों में व्रत को लेकर असमंजस है लेकिन लखनऊ से ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार दोनों में से किसी भी दिन व्रत और पूजन किया जा सकता है। तो यदि आप भी इस वर्ष व्रत, या कम से कम शिव पूजन करने जा रहे हैं तो आपको बताते हैं शिव पूजा करने की सरल एवं शास्त्रीय विधि। इस विधि से आप घर पर भी पूजा कर सकते हैं।
यदि आप मंदिर जा रहे हैं तो सभी सामग्री लेकर जाएं और यदि घर पर शिवलिंग पूजा करने वाले हैं तो 'पारद शिवलिंग' अवश्य ले आएं। इसी शिवलिंग से आप विधिवत पूजन करेंगे तो भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होंगे। आगे क्रमानुसार जानें शिवलिंग पूजा की शास्त्रीय विधि:
सबसे पहले शिवलिंग के सामने खड़े हो जाएं और हाथ जोड़कर स्वस्ति पाठ करें: स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवा:, स्वस्ति ना पूषा विश्ववेदा:, स्वस्ति न स्तारक्ष्यो अरिष्टनेमि स्वस्ति नो बृहस्पति र्दधातु।
इसके बाद पूजन का संकल्प लें। भगवान शिव, माता पार्वती समेत पूरे शिव परिवार का ध्यान करेंअब हाथ में बिल्वपत्र एवं अक्षत लेकर भगवान शिव का ध्यान करें।
इसके बाद दही, घी, शहद या शक्कार आदि से एक-एक करके शिव स्नान कराएं। अब पंचामृत से स्नान कराएं। अंत में शुद्ध जल से स्नान कराएं
अब भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय को वस्त्र अर्पण करें। इसके बाद सभी को फल एवं मिठाई भी चढ़ाएं। सभी के सामने धुप जलाएं।
अब हाथ धोकर भोलेनाथ को नैवेद्य लगाएं। इसके बाद सभी के सामने दक्षिणा चढ़ाकर आरती करें। यदि आप मंदिर में हैं तो पुजारी को भी दक्षिणा अवश्य दें। अब हाथ जोड़कर भगवान शिव से अपनी इच्छा की पूर्ति की प्रार्थना करें और साथ ही क्षमा-याचना भी करें।
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ये गलतियां ना करें
- शिव पूजा के दौरान कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए, जैसे कि भूल से भी शिवलिंग पर हल्दी ना लगाएं
- शिवलिंग पर भूल से भी तुलसी की पत्तियां ना चढ़ाएं
- शिवलिंग पर कुमकुम का प्रयोग ना करें, पूजा में इसका इस्तेमाल केवल माता पार्वती पर करें
- शिवलिंग पर हमेशा ताजा और शुद्ध दूध चढ़ाएं
- पूजा समाप्त होने के बाद शिवलिंग की अर्ध परिक्रमा करें. भूल से भी जल की निकासी को ना लांघें