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Chhath Puja 2021: कल से शुरू हो जाएगा छठ महापर्व, अभी कर लें तैयारी, जानें पूजा से जुड़ी सारी बातें

By रुस्तम राणा | Updated: November 7, 2021 14:29 IST

छठ पूजा का व्रत कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। यह व्रत 36 घंटों के लिए रखा जाता है। इस अवधि में व्रती को बिना कुछ खाय-पीये रहना पड़ता है। इस पूजा में मन्नत के लिए कुछ लोग जमीन पर बार-बार लेटकर, कष्‍ट सहते हुए घाट की ओर जाते हैं। 

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दिवाली के बाद अब छठ पर्व की बारी है। 8 नवंबर से यह पर्व शुरू हो जाएगा, जो 11 नवंबर तक चलेगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन छठ पूजा की जाती है। यह त्योहार नहाए खाय के साथ शुरू होता है, चार दिनों तक चलता है। इस साल छठ पूजा पर्व 10 नवंबर को है। यह पर्व देश और दुनिया में अपनी खास पहचान के साथ बेहद लोकप्रिय है। अगर आपने छठ पर्व की तैयारी नहीं की है तो अभी से इस पर्व की तैयारी कर लें। 

पूजा सामग्री में उपयोग होने वाली चीजें

छठ पूजा में उपयोग होने वाली चीजों को खरीद कर पहले ही रख लें। पूजा करने वाले के लिए नए कपड़े लेने होते हैं। बांस की दो बड़ी टोकरियां, सूप, दूध और जल के लिए एक ग्लास, एक लोटा या कलश और थाली की जरूरत पड़ती है। इसलिए ये सामान पहले ही जुटा लें। इनके अलावा पूजा सामग्री में पांच गन्ने जिसमें पत्ते लगे हों, पानी वाला नारियल, अक्षत, पीला सिंदूर, दीपक, घी, बाती, कुमकुम, चंदन, धूपबत्ती, कपूर, दीपक, अगरबत्ती, माचिस, फूल, हरे पान के पत्ते, साबुत सुपाड़ी, शहद आदि चीजें चाहिए।

इस पर्व में बनता है ये खास प्रसाद

छठ पूजा पर प्रसाद के लिए खास प्रकार का भोजन बनता है। इसमें ठेकुआ, कसर और रसियाव. इसके साथ ही छठ पूजा में कद्दू की सब्जी, पूड़ी और हरे चने का भी प्रसाद बनया जाता है।

चार दिनों तक चलता है छठ महापर्व

छठ पूजा पर्व चार दिनों तक चलता है। यह व्रत नहाय खाय के साथ शुरू होता है। इस बार नहाय खाय 8 नवंबर को है। उसके अगले दिन 9 नवंबर को खरना की परंपरा है। फिर 10 नवंबर को अतचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है और उसकी अगली सुबह 11 नवंबर को सूर्योदय के समय अर्घ्य देने का विधान है। तब जाकर व्रत का पारण किया जाता है। 

कठिन होता है छठ पूजा का व्रत

छठ पूजा का व्रत कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। यह व्रत 36 घंटों के लिए रखा जाता है। इस अवधि में व्रती को बिना कुछ खाय-पीये रहना पड़ता है। इस पूजा में मन्नत के लिए कुछ लोग जमीन पर बार-बार लेटकर, कष्‍ट सहते हुए घाट की ओर जाते हैं। 

छठ पूजा का महत्व

धार्मिक मान्यता है कि छठी मैया संतान की रक्षा करने वाली देवी हैं और सूर्य की उपासना करने से मनुष्‍य को सभी तरह के रोगों से छुटकारा मिल जाता है। जो सूर्य की उपासना करते हैं, वे दरिद्र, दुखी, शोकग्रस्‍त और अंधे नहीं होते हैं। संतान की रक्षा, दीर्घायु और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद पाने के लिए यह पूजा की जाती है। 

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