वाराणसी: महाशिवरात्री पर काशी 'हर हर महादेव' के जयघोष से गुंजायमान है। महादेव का शहर वाराणसी आज भोलेनाथ की बारात निकालने में व्यस्त है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि के दिन ही देवों के देव महादेव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।
वाराणसी में टेढ़ी नीम स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी के आवास पर बाबा विश्वनाथ के विवाह की सैंकड़ों वर्षों पुरानी परम्परा को भेलोनाथ के भक्त निभाएंगे।
इस अवसर पर बाबा विश्वनाथ बाघंबर स्वरूप धारण करके दूल्हा बनेगे और माता गौरी मंगला के साथ भक्तों को दर्शन देंगे। शुभ मुहूर्त में आज भोले का विवाह संपन्न होगा और इसी के साथ काशी की पंचकोशी परिक्रमा भी आज से शुरू हो जाएगी। अब पूरे सावन काशी की गलियों में 'हर हर महादेव' का जयघोष गूंजेगा।
महाशिवरात्रि के अवसर पर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी है। बाबा विश्वनाथ के दरबार में लाखों की संख्या में भक्तों के पहुंचने का अनुमान है।
भक्तों को विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं है। इसलिए गर्भगृह के चारों द्वार पर विशेष पात्र लगाए गए हैं, जिनमें भक्त जल और दूध बाबा को अर्पित कर रहे हैं।
इस बार खास बात यह है कि चारों दिशाओं से काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश की व्यवस्था दी गई है। श्रद्धालु गर्भगृह के चारों द्वारों से बाबा का अभिषेक कर रहे हैं। उत्तर में स्थित गोदौलिया द्वार से भक्त आएंगे। पश्चिम में ढुंढीराज गणेश द्वार से उनका प्रवेश मंदिर में हो रहा है। दक्षिण में स्थित सरस्वती फाटक प्रवेश द्वार से भी भक्तों का आगमन होगा।
इसके साथ ही श्रीकाशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद इस बार पूरब में स्थित गंगाद्वार से भी भक्त मां गंगा का जल लेकर आएंगे बाबा के दरबार में पहुंच रहे हैं। बाबा का दर्शन कतार में लगे भक्तों को मिल सके इसके गोदौलिया द्वार समेत कई जगहों पर एलईडी स्क्रीन भी लगायी गयी है।
गंगा स्नान के बाद भक्त बाबा के दर्शन को लाइन में लग रहे हैं। इस महाशिवरात्री पर वाराणसी पुलिस ने मैदागिन से गोदौलिया तक सुरक्षा व्यवस्था के काफी चुस्त इंतजाम किये हैं। वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश खुद सुरक्षा की कमान संभाले हुए हैं।
आज शाम वाराणसी में शिवबारात निकलेगी, जिसे देखने के लिए हजारों की भीड़ इकट्ठा होगी। भूत-पिशाच और औघड़ नाचते गाते बाबा के भक्त उनकी बारात में शामिल होंगे।
महाशिवरात्री पर काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा चौबेपुर स्थित कैथी के मार्कंडेय महादेव, हरहुआ के रामेश्वर महादेव, रोहनिया के शूल टंकेश्वर महादेव मंदिर में हजारों-लाखों की संख्या में शिवभक्त दर्शन के लिए पहुंचेंगे।