देश भर में आज अहोई अष्टमी का व्रत मनाया जा रहा है। महिलाएं अपनी संतान की लम्बी उम्र और उनके भविष्य के लिए व्रत करती हैं। इस अष्टमी पर महिलाएं दिन भर निर्जला व्रत रखकर अहोई माता से अपने संतान की सलामती के लिए प्रार्थना करती हैं। रात में तारों की छांव में पूजा करती हैं। साथ ही तारों को अर्घ्य देने के बाद ही कुछ अन्न-जल ग्रहण करती हैं।
कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन अहोई माता की पूजा करने से संतान को लम्बी उम्र का वरदान मिलता है। सिर्फ यही नहीं जिन महिलाओं के संतान को नहीं होते उन्हें भी अहोई माता का व्रत करना चाहिए और उनसे संतान प्राप्ति का वरदान मांगना चाहिए।
अहोई माता की पूजा हर जातक को अपनी राशि के अनुसार भी करना चाहिए । मगर पूरी विधि विधान से पूजा करने के बाद अहोई माता का व्रत करना बेहद जरूरी होता है। आज हम आपको यहां अहोई माता की आरती बताने जा रहे हैं। जिन्हें पूजा के बाद आपको जरूर पढ़ना चाहिए।
अहोई अष्टमी व्रत की आरती:
जय अहोई माता, जय अहोई माता!तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता। टेक।।
ब्राह्मणी, रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता।सूर्य-चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता।। जय।।
माता रूप निरंजन सुख-सम्पत्ति दाता।।इंदिरा गांधी के विषय में 9 रोचक तथ्य
जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता।। जय।।
तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभदाता।कर्म-प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता।। जय।।
जिस घर थारो वासा वाहि में गुण आता।।कर न सके सोई कर ले मन नहीं धड़काता।। जय।।
तुम बिन सुख न होवे न कोई पुत्र पाता।खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता।। जय।।
शुभ गुण सुंदर युक्ता क्षीर निधि जाता।रतन चतुर्दश तोकू कोई नहीं पाता।। जय।।
श्री अहोई मां की आरती जो कोई गाता।उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता।।
ये है शुभ पूजा मुहूर्त
पूजा का समय- 21 अक्टूबर 2019 को शाम 05:45 बजे से 07:02 बजे तकइस साल तारों के दिखने का समय- शाम 06:10 बजेचंद्रोदय- 21 अक्तूबर 2019 को रात्रि 11:46अष्टमी तिथि प्रारम्भ- 21 अक्तूबर 2019 को प्रातः 6:44 बजेअष्टमी तिथि समाप्त- 22 अक्तूबर 2019 को प्रातः 5:25 बजे