Assembly Elections 2023: राजस्थान के विधानसभा चुनावों में क्या होंगे अहम मुद्दे, यहां जानिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 9, 2023 15:06 IST2023-10-09T15:04:49+5:302023-10-09T15:06:09+5:30

राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 23 नवंबर को होगा। चुनाव में सत्ता विरोधी लहर, ओपीएस, सामाजिक कल्याण योजनाएं, कानून और व्यवस्था, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना जैसे कई मुद्दे हैं जो अहम हो सकते हैं।

Assembly Elections 2023 What will be the important issues in Rajasthan assembly elections | Assembly Elections 2023: राजस्थान के विधानसभा चुनावों में क्या होंगे अहम मुद्दे, यहां जानिए

(फाइल फोटो)

Highlightsराजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 23 नवंबर को होगा मतगणना 3 दिसंबर को होगी राजस्थान में 5.2 करोड़ मतदाता हैं

Assembly Elections 2023: केंद्रीय चुनाव आयोग ने पांचों राज्यों में चुनाव तारीखों का ऐलान करते हुए बताया कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 23 नवंबर को होगा। मतगणना 3 दिसंबर को होगी। राजस्थान में 5.2 करोड़ मतदाता हैं। राजस्थान में इस चुनाव में मुख्य मुद्दे  पुरानी पेंशन योजना और जातिगत जनगणना हो सकती है। 

इसके अलावा सरकार के खिलाफ 'सत्ता विरोधी' लहर से लेकर कानून व्यवस्था सहित अनेक मुद्दे हैं जो राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव में 'प्रमुख कारक' बन सकते हैं। राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने राज्य में फिर बाजी मारने के लिए पिछले कुछ महीने से कड़ी मेहनत की है और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने सहित आम लोगों के लिए अनेक योजनाओं की घोषणा की है।

सरकार ने चुनाव आचार संहिता लगने से ठीक पहले 'जातिगत सर्वेक्षण' कराने का दांव भी चला। राज्य में एक ही चरण में 23 नवंबर को मतदान होगा जबकि वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी। राज्य के विधानसभा चुनाव में यह प्रमुख मुद्दे हो सकते हैं।

सत्ता विरोधी लहर

राज्य में 1993 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद का इतिहास कहता है क‍ि उसके बाद हर विधानसभा चुनाव में एक बार कांग्रेस तो एक बार भाजपा को सत्ता की बागडोर मिलती रही है। यानी कोई भी पार्टी लगातार दो बार सरकार नहीं बना पाई। इस 'परिपाटी' के लिहाज से इस बार सत्ता में आने की 'बारी' भाजपा की है।

गुटबाजी

चुनावों से पहले, कांग्रेस नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने अपने मतभेदों को कम से कम फौरी तौर भले ही दरकिनान कर दिया हो लेकिन राज्य में 'मुख्यमंत्री पद' के लिए उनका संघर्ष वर्षों से राजस्थान में पार्टी को कमजोर कर रहा है। अगर भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके प्रति वफादार नेताओं को नजरअंदाज करेगी तो उसे भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

ओपीएस, सामाजिक कल्याण योजनाएं

कांग्रेस का चुनाव अभियान राज्य में अपनी सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने पर जोर देगा। ओपीएस बहाली का फायदा राज्य के लगभग सात लाख सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों को प्रभावित करेगा। इसके अलावा गहलोत की कुछ चर्चित कल्याणकारी योजनाओं में चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 25 लाख रुपये का बीमा, शहरी रोजगार गारंटी योजना, सामाजिक सुरक्षा के रूप में 1,000 रुपये की पेंशन और उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए केवल 500 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर शामिल हैं।

कानून और व्यवस्था

कानून व्यवस्था को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा हाल ही में राज्य सरकार पर काफी आक्रामक रही है। भाजपा विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अपराधों को मुद्दा बना रही है। लेकिन कांग्रेस सरकार का कहना है कि जब भी ऐसी कोई घटना हुई उसने त्वरित कार्रवाई की।

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना

कांग्रेस ने बार-बार पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को 'राष्ट्रीय परियोजना' का दर्जा देने की मांग की है। इस योजना का उद्देश्य 13 जिलों की सिंचाई और पीने के पानी की जरूरतों को पूरा करना है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा पिछले चुनावों से पहले ईआरसीपी पर दिए गए आश्वासन से पीछे हट गई है। और वह इसी क्षेत्र से अपना चुनावी अभियान शुरू करने की योजना बना रही है।

सांप्रदायिक तनाव

भाजपा ने हिंदुत्व कार्ड खेलते हुए करौली, जोधपुर और भीलवाड़ा में सांप्रदायिक दंगों का मुद्दा उठाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की हत्या मुद्दा उठाते हुए कहा कि सत्तारूढ़ कांग्रेस अपने 'वोट बैंक' को लेकर चिंतित रही है।

पेपर लीक

हाल के महीनों में शिक्षकों के लिए 'रीट' जैसी सरकारी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो गए हैं। यह लाखों बेरोजगार युवाओं को प्रभावित करने वाला मुद्दा है। भाजपा के अलावा कांग्रेस के असंतुष्ट नेता सचिन पायलट ने भी इसे लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा।

कृषि ऋण माफी

भाजपा ने कांग्रेस पर ऋण माफी का चुनावी वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाया जा रहा है। सरकार का दावा है कि उसने सहकारी बैंकों से लिए गए ऋण माफ कर दिए हैं, और अब यह केंद्र की जिम्मेदारी है कि वह वाणिज्यिक बैंकों से किसानों का बकाया माफ कराए।

शिक्षकों के तबादले

तृतीय श्रेणी के लगभग एक लाख शिक्षक अपनी पसंद के जिलों में तबादले की मांग कर रहे हैं। राज्य की कांग्रेस सरकार कहती रही कि वह इस पर एक नीति लाएगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

(इनपुट- भाषा)

Web Title: Assembly Elections 2023 What will be the important issues in Rajasthan assembly elections

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