Assembly Elections 2023: कांग्रेस विधायक गुरुमीत सिंह कूनर का निधन, करणपुर विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार लड़ रहे थे चुनाव
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 15, 2023 11:02 AM2023-11-15T11:02:26+5:302023-11-15T11:05:49+5:30
राजस्थान के करणपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी और मौजूदा विधायक गुरुमीत सिंह कूनर का बुधवार की सुबह निधन हो गया है।
जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को वोटिंग होनी है लेकिन उससे पहले सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी को जबरदस्त झटका लगा है। जी हां, करणपुर विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी और विधायक गुरुमीत सिंह कूनर का बुधवार की सुबह निधन हो गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कांग्रेस पार्टी ने 75 साल के विधायक गुरुमीत सिंह कूनर को करणपुर विधानसभा सीट से दोबारा मैदान में उतारा था। इससे पहले उन्होंने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट से चुनाव जीता था।
विधायक कनूर के बेटे ने बयाता कि वो कुछ दिनों से बीमार थे और उनका इलाज राजधानी जयपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज चल रहा था।
उनके बेटे ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बताया कि परिवार दिवंगत कांग्रेस विधायक कनूर का शव एम्स से लेकर उनके पैतृक जन्मस्थान श्री गंगानगर ले जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा।
विधायक कनूर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने शोक संदेश में कहा, "करणपुर विधायक एवं पूर्व मंत्री गुरुमीत सिंह कूनर के निधन की खबर से मुझे गहरा दुख हुआ है। लंबे समय से अस्वस्थ होने के बावजूद श्री कूनर अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए हमेशा प्रयासरत रहते थे। कूनर साहब का निधन एक अपूरणीय क्षति है। कांग्रेस पार्टी और राजस्थान की राजनीति। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति और परिवार को साहस देने की प्रार्थना करता हूं।''
मालूम हो कि दिवंगत विधायक कूनर मौजूदा समय में भी करणपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। उन्होंने2018 का चुनाव भी इसी सीट से जीता था। वह पहले 1998 और 2008 के विधानसभा चुनावों में निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे।
राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 163 सीटें जीतीं और राजस्थान में सरकार बनाई। वहीं साल 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 200 सदस्यीय सदन में 99 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा ने 73 सीटें जीतीं। इस तरह से साल 2018 में कांग्रेस ने अशोक गहलोत के नेतृत्व में सरकार बनाई थी।