गांधी शांति पुरस्कार: आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश को लताड़ा, कहा- गीता प्रेस का विरोध 'हिंदू विरोधी' मानसिकता की पराकाष्ठा

By रुस्तम राणा | Published: June 19, 2023 06:58 PM2023-06-19T18:58:47+5:302023-06-19T19:05:09+5:30

आचार्य ने ट्वीट में लिखा, गीता प्रेस का विरोध “हिंदू विरोधी” मानसिकता की पराकाष्ठा है। राजनैतिक पार्टी के “ज़िम्मेदार” पदों पे बैठे लोगों को इस तरह के धर्म” विरोधी बयान नहीं देने चाहिए

Acharya Pramod Krishnam slams Congress in Geeta Press case, said- opposition to Geeta Press is the culmination of 'anti-Hindu' mentality | गांधी शांति पुरस्कार: आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश को लताड़ा, कहा- गीता प्रेस का विरोध 'हिंदू विरोधी' मानसिकता की पराकाष्ठा

गांधी शांति पुरस्कार: आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश को लताड़ा, कहा- गीता प्रेस का विरोध 'हिंदू विरोधी' मानसिकता की पराकाष्ठा

Highlightsआचार्य ने कहा- राजनैतिक पार्टी के “ज़िम्मेदार” पदों पे बैठे लोगों को इस तरह के धर्म” विरोधी बयान नहीं देने चाहिएजयराम रमेश ने गीता प्रेस मिले गांधी शांति पुरस्कार को लेकर कहा था- यह सावरकर-गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है

नई दिल्ली: गीता प्रेस को साल 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किए जाने की घोषणा के बाद इस पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा गीता प्रेस को मिले इस सम्मान की आलोचना का जवाब देते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस नेता को लताड़ लगाई है। साथ ही इसे हिन्दू विरोधी मानसिकता की पराकाष्टा बताया है। हालांकि उन्होंने यहां किसी का नाम नहीं लिया। 

सोमवार को इस मामले में ट्वीट करते हुए आचार्य ने लिखा, गीता प्रेस का विरोध “हिंदू विरोधी” मानसिकता की पराकाष्ठा है। राजनैतिक पार्टी के “ज़िम्मेदार” पदों पे बैठे लोगों को इस तरह के धर्म” विरोधी बयान नहीं देने चाहिए जिसके “नुकसान” की भरपायी करने में “सदियां” गुज़र जाएं। इस ट्वीट को उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को टैग किया है।  

इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गोरखपुर में गीता प्रेस को प्रदान किया जा रहा है, जो इस वर्ष अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। अक्षय मुकुल ने 2015 में इस संस्थान की एक बहुत अच्छी जीवनी लिखी है। इसमें उन्होंने इस संस्थान के महात्मा के साथ उतार-चढ़ाव वाले संबंधों और राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर उनके साथ चली लड़ाइयों का खुलासा किया है। ये फैसला वास्तव में एक उपहास है और सावरकर-गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है।

इस पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा ट्वीट में कहा, ‘‘गीता प्रेस को अगर ‘एक्सवाईजेड प्रेस’ कहा जाता तो वे इसकी सराहना करते...लेकिन यह गीता है, इसलिए कांग्रेस को समस्या है। कांग्रेस मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष मानती है, लेकिन उसके लिए गीता प्रेस सांप्रदायिक है। जाकिर नाइक शांति का मसीहा है लेकिन गीता प्रेस सांप्रदायिक है। कर्नाटक में गोहत्या चाहती है कांग्रेस।’’

Web Title: Acharya Pramod Krishnam slams Congress in Geeta Press case, said- opposition to Geeta Press is the culmination of 'anti-Hindu' mentality

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