उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावः हाईकोर्ट का फैसला, योगी सरकार को झटका, 2015 के आधार पर आरक्षण, 25 मई तक कराएं इलेक्शन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 15, 2021 06:06 PM2021-03-15T18:06:34+5:302021-03-15T18:07:36+5:30

UP Panchayat Election 2021: इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश को झटका दिया है। 

UP Panchayat Election 2021 reservation High court verdict Yogi government reservation based on 2015 | उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावः हाईकोर्ट का फैसला, योगी सरकार को झटका, 2015 के आधार पर आरक्षण, 25 मई तक कराएं इलेक्शन

आरक्षण के रोटेशन के लिए 2015 को ही आधार वर्ष माना जाना चाहिए।  (file photo)

Highlightsचुनाव प्रक्रिया पूरी करने की समय सीमा 15 मई निर्धारित की थी।सरकार ने वर्ष 1995 को आधार वर्ष मानकर चुनाव क्षेत्रों का आरक्षण किया था।आधार पर आरक्षण को रोटेट किया जा रहा है।

UP Panchayat Election 2021: इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ पीठ ने सोमवार को राज्य सरकार को उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण को अंतिम रूप देने के लिए 2015 को आधार वर्ष के रूप में रखने का आदेश दिया।

कहा कि राज्य में 25 मई तक पंचायत के चुनाव करा लिए जाएं। राज्‍य सरकार के महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने अदालत को अवगत कराया कि राज्‍य सरकार आधार वर्ष के रूप में 2015 का पालन करने के लिए तैयार है। सोमवार को न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति मनीष माथुर की पीठ ने अजय कुमार द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया।

लखनऊ पीठ ने 11 फरवरी को अपने आदेश में पंचायत चुनाव के लिये आरक्षण की अंतिम सूची पर रोक लगा दी थी, जिसमें राज्‍य सरकार ने वर्ष 1995 को आधार वर्ष मानकर चुनाव क्षेत्रों का आरक्षण किया था। इससे पहले इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय ने चुनाव प्रक्रिया पूरी करने की समय सीमा 15 मई निर्धारित की थी।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मोहम्मद अल्ताफ मंसूर ने राज्य सरकार के 1995 को आधार वर्ष के रूप में पालन करने के फैसले की वैधता पर सवाल उठाया था और उसे सितंबर 2015 की अधिसूचना के खिलाफ बताया था। याचिकाकर्ता के वकील मो0 अल्ताफ मंसूर ने कहा कि जिला एवं क्षेत्र पंचायत चुनावों में आरक्षण की रोटेशन व्यवस्था के लिए 1995 को आधार वर्ष माना जा रहा है

आधार पर आरक्षण को रोटेट किया जा रहा है। हालांकि राज्य सरकार ने 16 सितम्बर 2015 को एक शासनादेश जारी करके आधार वर्ष 2015 कर दिया था और उसी आधार पर पिछले चुनावों में आरक्षण भी किया गया था।

याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार को इस वर्ष भी 2015 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण को रोटेट करने की प्रकिया करना था किन्तु सरकार मनमाने तरीके से 1995 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण प्रकिया पूरी कर रही है, और 17 मार्च 2021 को आरक्षण सूची घोषित करने जा रही है। याचिका में आगे कहा गया कि 16 सितम्बर 2016 का शासनादेश अभी भी प्रभावी है, ऐसे में वर्तमान चुनावों के लिए आरक्षण के रोटेशन के लिए 2015 को ही आधार वर्ष माना जाना चाहिए। 

Web Title: UP Panchayat Election 2021 reservation High court verdict Yogi government reservation based on 2015

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