मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष का नाम जल्द होगा तय, जानिए किसको मिल सकती है जिम्मेदारी

By राजेंद्र पाराशर | Updated: December 23, 2019 04:57 IST2019-12-23T04:57:40+5:302019-12-23T04:57:40+5:30

मध्यप्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष को लेकर कवायद तेज हो गई है. इसके लिए राजधानी भोपाल से दिल्ली तक दावेदार सक्रिय हो गए हैं. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के नाम पर 25 दिसंबर के बाद मोहर लग सकती है. प्रदेश भाजपा ने दो दिवसीय समन्वय बैठक जबलपुर में बुलाई है.

soon madhya pradesh bjp president name will decide | मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष का नाम जल्द होगा तय, जानिए किसको मिल सकती है जिम्मेदारी

मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष का नाम जल्द होगा तय, जानिए किसको मिल सकती है जिम्मेदारी

Highlightsइस पद के दावेदार भी हुए सक्रिय, दिल्ली तक लगा रहे जोर।समन्वय बैठक के बाद नाम तय हो सकता है, यह बैठक 24 एवं 25 दिसंबर को होगी.

मध्यप्रदेश में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का नाम जबलपुर में होने वाली समन्वय बैठक के बाद तय हो सकता है. यह बैठक 24 एवं 25 दिसंबर को होगी. बैठक में संगठन के आगामी कार्यक्रमों के अलावा संघ के एजेंडे पर भी चर्चा होगी.

मध्यप्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष को लेकर कवायद तेज हो गई है. इसके लिए राजधानी भोपाल से दिल्ली तक दावेदार सक्रिय हो गए हैं. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के नाम पर 25 दिसंबर के बाद मोहर लग सकती है. प्रदेश भाजपा ने दो दिवसीय समन्वय बैठक जबलपुर में बुलाई है.

24 दिसबंर से शुरु होने वाली इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और संगठन महामंत्री सुहास भगत के साथ चारों प्रदेश महामंत्रियों सांसद विष्णुदत्त शर्मा, अजय प्रताप सिंह, बंशीलाल गुर्जर और विधायक मनोहर ऊंटवाल को भी उपस्थित रहने को कहा गया है.

जबलपुर में होने वाली इस बैठक में वैसे तो संगठन द्वारा नागरिकता संशोधन बिल के समर्थन में सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन करने और प्रदेश सरकार इसे लागू करने के लिए दबाव बनाने पर चर्चा होनी है, इसके अलावा इस बैठक में राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे मुद्दों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडों पर भी चर्चा होगी. साथ ही प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर भी बैठक में पदाधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह दोबारा पद पर बने रहना चाहते हैं. वे इसके लिए दिल्ली तक सक्रिय हैं. मगर हाल ही में उनकी राह में मंडला के सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते भी रोड़ा बन गए हैं. कुलस्ते आदिवासी होने के नाते दावेदारी कर रहे हैं.

पिछले विधानसभा चुनाव में आदिवासियों ने कांग्रेस पर भरोसा जताया, इसलिए उनका तर्क है कि आदिवासियों को अहम पद दिया जाएगा, तो भाजपा का आदिवासियों में जनाधार बढ़ेगा. हालांकि आखिरी फैसला राष्ट्रीय संगठन को लेना है और नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा इस पर फिलहाल अटकलें ही चल रही हैं. कुलस्ते यह भी कह चुके हैं कि राष्ट्रीय संगठन उन्हें जो भी काम सौंपेगा, उसे वे स्वीकार करेंगे. कुलस्ते इसके पहले भी कई बार प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के वक्त इस पद के लिए अपना दावा पेश करते रहे हैं.

भार्गव के कारण मिश्रा पिछड़े

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ब्राह्मण समाज के होने से इस पद के लिए नरोत्तम मिश्रा का नाम अब पिछड़ गया है. मिश्रा को अमित शाह के निकटता का फायदा मिलने की उम्मीद थी और वे सक्रिय भी थे, मगर भार्गव के कारण उनका नाम अब पिछड़ गया है. बताया जाता है कि इस पद पर पार्टी आदिवासी नेता को तरजीह दे सकती है, इसके अलावा पिछड़े वर्ग से भी किसी का नाम इस पद के लिए सामने आ सकता है. हालांकि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और संघ की ओर से जो भी नाम आएगा, वह नाम सभी को स्वीकार होगा.

Web Title: soon madhya pradesh bjp president name will decide

राजनीति से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे