कोर्ट में जजों की कमी पर राहुल गांधी और कानून मंत्री रविशंकर के बीच ट्विटर वार

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: March 25, 2018 09:00 AM2018-03-25T09:00:47+5:302018-03-25T11:17:12+5:30

आदलतों में जजों की कमी पर राहुल गांधी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा, वहीं केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार कर राहुल को आंकडें चैक करने को कहा।

Shortage of judges in the court, Rahul Gandhi and Law Minister Ravi Shankar Twitter | कोर्ट में जजों की कमी पर राहुल गांधी और कानून मंत्री रविशंकर के बीच ट्विटर वार

कोर्ट में जजों की कमी पर राहुल गांधी और कानून मंत्री रविशंकर के बीच ट्विटर वार

नई दिल्ली, 24 मार्च। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अदालतों में काफी संख्या में मामले लंबित रहने और न्यायाधीशों की कमी को लेकर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद पर जमकर निशाना साधा और उन पर फर्जी खबरें फैलाने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने ट्वीट कर देश में जजों की कमी के आंकड़ें गिनाते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, उच्चतम न्यायालय में 55 हजार से ज्यादा, उच्च न्यायालयों में 37 लाख से ज्यादा, निचली अदालतों में 2.6 करोड़ से ज्यादा मामले लंबित हैं। फिर भी उच्च न्यायालयों में 400 और निचली अदालतों में 6000 न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि कानून मंत्री फर्जी खबरें फैलाने में व्यस्त हैं। 



वहीं कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने भी ट्वीट राहुल गांधी पर ट्वीट कर पलटवार  कर कहा, , श्रीमान राहुल गांधी आंकड़े में हेरफेर के लिए कैंब्रिज एनालिटिका को नोटिस भेजने से आप निश्चित ही बहुत अधिक चिंतित होंगे। गुस्सा, हताशा और डर, इसके कारण अब आप इसमें न्यायपालिका को खींच रहे हैं। 

प्रसाद ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि उसने पिछले चुनावों में विवादास्पद डाटा कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं ली थीं जिस पर राहुल ने आज पलटवार किया। कैंब्रिज एनालिटिका पर फेसबुक से डाटा चुराने के आरोप हैं। कांग्रेस ने आरोपों से इंकार किया और भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने कंपनी की सेवाएं लीं। 

वहीं एक अन्य ट्वीट में राहुल गांधी ने उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा,  न्यायमूर्ति के एम जोसफ ने2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन का फैसला पलट दिया। जब उनका नाम उच्चतम न्यायालय के लिए प्रस्तावित किया गया तो मोदी जी के अहम को ठेस लग गई। उच्चतम न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों के लिए सौ से अधिक न्यायाधीशों की नियुक्ति को स्थगित कर दिया गया।




इस पर कानून मंत्री ने कहा, राहुल गांधी, आपके ट्रैक रिकॉर्ड को कायम रखते हुए आपकी टीम ने एक बार फिर होमवर्क नहीं किया और आपको गलत जानकारी दी। यूपीए के पहले कार्यकाल में उच्च न्यायालयों में हर साल औसतन 86 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई थी, उसके दूसरे कार्यकाल में यह आंकड़ा प्रतिवर्ष 79 था। लेकिन एनडीए के कार्यकाल में यह सालाना 109 है। 2016 में उच्च न्यायालयों में रिकॉर्ड 126 न्यायाधीशों को नियुक्ति दी गई, आजादी के बाद से यह सर्वाधिक है। 

Web Title: Shortage of judges in the court, Rahul Gandhi and Law Minister Ravi Shankar Twitter

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