अखिलेश यादव को करारा झटका दे सकते हैं चाचा शिवपाल, इस नाम से शुरू करेंगे पार्टी?
By जनार्दन पाण्डेय | Published: September 28, 2018 10:26 AM2018-09-28T10:26:00+5:302018-09-28T16:06:18+5:30
शिवपाल के साथ बताए जाने वाले बड़े भाई मुलायम सिंह यादव भी बेटे अखिलेश के पक्ष में जाते दिखे। दिल्ली के जंतर मंतर पर आयोजित समारोह में मुलायम सिंह यादव सपा के मंच पर नजर आए थे।
लखनऊ, 28 सितंबरः उत्तर प्रदेश में मंत्री रह चुके शिवपाल सिंह यादव आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारी में जुट गए हैं। कभी समाजवादी पार्टी की सबसे मजबूत पिलर रहे शिवपाल सिंह यादव, अपने भतीजे अखिलेश यादव से नाराजगी के चलते अलग राह चुनी है। उन्होंने कुछ दिनों पहले ही समाजवादी सेकुलर मोर्चा का ऐलान कर चुके हैं। लेकिन अब वे अपनी पार्टी की रजिस्ट्रेशन के लिए चुनाव आयोग जाने वाले हैं। लेकिन इससे अखिलेश यादव के लिए सियासी राह कठिन होने की बात हो रही है। क्योंकि शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी का नाम समाजवादी पार्टी के नाम पर ही रखने की सोची है।
अमर उजाला की एक खबर के अनुसार शिवपाल सिंह यादव ने अपनी नई पार्टी 'प्रगतिशील समाजवादी पार्टी' के पंजीकरण की कवायद शुरू कर दी है। उन्होंने इस बात की पहले ही घोषणा कर दी थी वह आने वाले दिनों में अपने प्रत्याशियों की घोषणा करेंगे। ऐसे में सियासी पंडिंतों का यह कहना है कि शिवपाल यादव की मुख्य धारा की राजनीति में अलग से आने पर किसी अन्य पार्टी को कोई खासा नुकसान नहीं होगा, सिवाय समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के।
शिवपाल यादव की सपा में बड़ी साख थी। वह अरसे तक पार्टी के बड़े फैसलों के हिस्सा रहे। उन्हें पार्टी के अंदरूनी कामकाज की बखूबी जानकारी है। अगर वे सपा के खिलाफ गए तो कई बड़े खुलासे कर सकते हैं। जबकि उनके हिस्से आने वाला वोट बैंक निश्चित तौर पर सपा का ही है जो टूटकर उनके पास आ सकता है।
हालांकि वह अभी भी सपा से बाहर नहीं गए हैं। ना ही उन्हें पार्टी से निकाला गया है ना ही उन्होंने आधिकारिक तौर पर पार्टी से बाहर जाने का ऐलान कर दिया है। लेकिन उन्होंने आगामी लोकसभा चुनावों यूपी के कई महत्वपूर्ण सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकते हैं। हाल ही में शिवपाल के साथ बताए जाने वाले बड़े भाई मुलायम सिंह यादव भी बेटे अखिलेश के पक्ष में जाते दिखे। दिल्ली के जंतर मंतर पर आयोजित समारोह में मुलायम सिंह यादव सपा के मंच पर नजर आए थे। इसके बाद से शिवपाल की खलबलाहट और बढ़ चुकी है।