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विपक्ष ने एनकाउंटर पर उठाए सवाल, शिवसेना नेता संजय राउत ने दिया साथ, कहा- 'हत्यारा विकास दुबे था, पुलिस नहीं'

By पल्लवी कुमारी | Updated: July 10, 2020 15:25 IST

विकास दुबे शुक्रवार (10 जुलाई) सुबह 9 बजे के करीब कानपुर के भौती इलाके में पुलिस मुठभेड़ मे मारा गया। विकास दुबे को गुरुवार (9 जुलाई) मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफतार किया गया था। विकास दुबे पर कानपुर शूटआउट में 8 पुलिसकर्मियों को मारने का आरोप था।

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ठळक मुद्देविकास दुबे के एनकाउंटर पर प्रियंका गांधी और मायावती ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है। विकास दुबे सहित कानपुर मुठभेड़ के 6 आरोपियों को यूपी पुलिस ने मारा है। 12 इनामी बदमाश अब भी फरार हैं।

मुंबई:कानपुर मुठभड़े (Kanpur Encounter) का मुख्य आरोपी और आठ पुलिसकर्मियों का हत्यारा विकास दुबे के एनकाउंटर (vikas Dubey Encounter) पर उत्तर प्रदेश की पुलिस और योगी सरकार पर कई सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीम मायावती सहित कई नेताओं ने यूपी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। इन सब के बीच शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता संजय राउत ने यूपी पुलिस के समर्थन में जवाब दिया है। एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए संजय राउत ने कहा है कि विकास दुबे आठ पुलिसकर्मियों का हत्यारा था तो पुलिस की कार्रवाई पर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं। 

संजय राउत ने कहा, ''उसने (विकास दुबे) आठ पुलिस वालों की हत्या की, उसका गिरोह है, पुलिस ने एनकाउंटर किया है, लॉ एंड ऑर्डर का सवाल है। पुलिस की कार्रवाई पर सवाल नहीं उठाना चाहिए। आठ पुलिस वालों की जो हत्या होगी...जो गुंडो वने की है सवाल उसके ऊपर उठे चाहिए। पुलिस की कार्रवाई के ऊपर कोई सवाल नहीं उठने चाहिए।''

आइए जानें विकास दुबे के एनकाउंटर पर किस-किस नेता ने सवाल उठाए हैं

दिग्विजय सिंह ने कहा- एनकाउंटर का अंदेशा मुझे पहले से ही था

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने विकास दुबे के एनकाउंटर पर कहा, ''प्रश्न इस बात का है कि जिस प्रकार से वो (विकास दुबे) सरेंडर हुआ या गिरफ्तार हुआ। मध्य प्रदेश पुलिस उसका श्रेय लेना चाहती है कि लेकिन ये बात साफ है कि निजी सिक्योरिटी एजेंसी के लोगों ने उसको पकड़ा था। मध्य प्रदेश पुलिस को जानकारी भी नहीं थी।

दिग्विजय सिंह ने कहा, पिछले 4 दिन में उत्तर प्रदेश पुलिस ने तीन एनकाउंटर किए हैं, तीनों एनकाउंटर का घटनाक्रम एक जैसा है। मुझे तो इसकी आशंक पहले से ही थी क्योंकि इसके पास जो राज थे कि कौन सी राजनीतिक ​हस्तियां इससे जुड़ी थी, कौन से पुलिस के, शासकीय अधिकारी इससे मिले हुए थे। उन सब चीजों का खुलासा होता। 

प्रियंका गांधी ने कहा- अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने  विकास दुबे के मुठभेड़ में मार गिराए जाने के बाद शुक्रवार को सवाल किया कि अपराधी का अंत हो गया, लेकिन अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या होगा। प्रियंका ने ट्वीट किया, ‘‘अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?

एक अन्य ट्वीट में वीडियो जारी करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, उप्र की कानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है। राजनेता-अपराधी गठजोड़ प्रदेश पर हावी है। कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठगांठ खुलकर सामने आई। कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं- ये सच सामने आना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से पूरे कांड की न्यायिक जांच होनी चाहिए।

मायावती ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच की मांग की 

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने आज (10 जुलाई) ट्वीट कर कहा, ''कानपुर पुलिस हत्याकांड की और साथ ही इसके मुख्य आरोपी दुर्दान्त विकास दुबे को मध्यप्र देश से कानपुर लाते समय आज पुलिस की गाड़ी के पलटने व उसके भागने पर यूपी पुलिस द्वारा उसे मार गिराए जाने आदि के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।''

एक अन्य ट्वीट में मायावती ने कहा, ''यह उच्च-स्तरीय जांच इसलिए भी जरूरी है ताकि कानपुर नरसंहार में शहीद हुए 8 पुलिसकर्मियों के परिवार को सही इंसाफ मिल सके। साथ ही, पुलिस व आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हें भी सख्त सजा दिलाई जा सके। ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध-मुक्त हो सकता है।'' 

अखिलेश यादव ने भी साधा निशाना 

समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि यह कार पलटी नहीं है, राज खुलने से, सरकार पलटने से बचायी गयी है। यादव ने ट्वीट कर कहा, ''दरअसल यह कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है।''  

कानपुर पुलिस ने बताया कैसे हुए विकास दुबे का एनकाउंटर 

कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने बताया, तेज बारिश हो रही थी। पुलिस ने गाड़ी तेज भगाने की कोशिश की जिससे वह डिवाइडर से टकराकर पलट गयी और उसमें बैठे पुलिसकर्मी घायल हो गये। उसी मौके का फायदा उठाकर दुबे ने पुलिस के एक जवान की पिस्तौल छीनकर भागने की कोशिश की और कुछ दूर भाग भी गया। तभी पीछे से एस्कार्ट कर रहे एसटीएफ के जवानों ने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की और उसी दौरान उसने एसटीएफ पर गोली चला दी जिसके जवाब में जवानों ने भी गोली चलाई और वह घायल होकर गिर पड़ा। हमारे जवान उसे अस्पताल लेकर गये जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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