सुशांत सिंह राजपूत मामले को लेकर शरद पवार का बड़ा बयान, 3 माह से एक ही मामले पर बहस से जरूरी मुद्दे गायब हो रहे हैं
नई दिल्ली: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने नरेंद्र मोदी सरकार के कृषि से जुड़े बिल के विरोध में एवं निलंबित सांसदों के समर्थन में एक दिवसीय उपवास रखने की बात कही है। उन्होंने कहा कि वह निलंबित किए गए सांसदों की मांग का समर्थन करते हैं।
इसके साथ ही शरद पवार ने सुशांत सिंह राजपूत मामले में बयान देते हुए कहा है कि पिछले 3 माह से एक आत्महत्या के मामले में बहस से देश के जरूरी मुद्दे गायब हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को एक आत्महत्या पर चर्चा करने के बजाय देश में किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्या के मामले में सोचना चाहिए।
बता दें कि इससे पहले एक दिवसीय उपवास की बात राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी की है। उन्होंने कहा कि सदन में जिस तरह से विपक्ष के सांसदों का बर्ताव रहा है, उससे रात भर नींद नहीं आई और इस सांसदों के इस व्यवहार के खिलाफ हमने एक दिन उपवास पर रहने का फैसला लिया है।
हरिवंश ने चिट्ठी में क्या लिखा है
हरिवंश ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि वे जेपी के गांव में पैदा हुए गांधी, जेपी सहित लोहिया और कर्पूरी ठाकुर से हमेशा प्रभावित रहे। साथ ही उन्होंने लिखा कि वे बिहार से आते हैं जहां गणतंत्र का पहला स्वरूप विकसित हुआ। उन्होंने लिखा कि वे 22 सितंबर से 23 सितंबर सुबह तक 24 घंटे का उपवास रखेंगे।
पीएम मोदी का ट्वीट
इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने उपसभापति हरिवंश की तारीफ की है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया- 'हर किसी ने देखा कि दो दिन पहले लोकतंत्र के मंदिर में उनको किस प्रकार अपमानित किया गया, उन पर हमला किया गया और फिर वही लोग उनके खिलाफ धरने पर भी बैठ गए। यह हरिवंश जी की उदारता और महानता को दर्शाता है। लोकतंत्र के लिए इससे खूबसूरत संदेश और क्या हो सकता है। मैं उन्हें इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।'
पीएम मोदी ने साथ ही लिखा, 'बिहार की धरती ने सदियों पहले पूरे विश्व को लोकतंत्र की शिक्षा दी थी। आज उसी बिहार की धरती से प्रजातंत्र के प्रतिनिधि बने श्री हरिवंश जी ने जो किया, वह प्रत्येक लोकतंत्र प्रेमी को प्रेरित और आनंदित करने वाला है।'