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'5 साल मैंने मेहनत की पर CM बने गहलोत जी', ये कहकर छलका सचिन पायलट का दर्द, बताया किस तरह किया गया अपमानित

By पल्लवी कुमारी | Updated: July 15, 2020 10:51 IST

राजस्थान के डिप्टी सीएम पद और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने पहली बार मीडिया से खुलकर बात की है। मीडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने अशोक गहलोत को लेकर कई बातों का खुलासा किया है।

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ठळक मुद्दे सचिन पायलट ने कहा, अशोक गहलोत ने जो मेरे ऊपर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार गिराने का आरोप लगाया है, वह सच नहीं है। सचिन पायलट ने बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर विराम लगा दिया है। पायलट ने कहा, मैं बीजेपी ज्वाइन नहीं कर रहा हूं।

नई दिल्ली:  राजस्थान के डिप्टी सीएम पद और राज्य के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट का आज (15 जुलाई) पहला इंटरव्यू सामने आया है। इस इंटरव्यू में सचिन पायलट ने राजस्थान के सियासी घटनाक्रम के हर पहलू पर बात की है। सचिन पायलट ने इंटरव्यू में खुलकर बात की। उन्होंने यह बताया कि वह सीएम अशोक गहलोत नाराज नहीं है, बल्कि उनको और उनके समर्थकों को विकास कार्य नहीं करने दिया जा रहा था, इससे वह खफा थे। सचिन पायलट ने भी बताया कि वह बीजेपी के सम्पर्क में नहीं हैं और ना ही बीजेपी में शामिल होने वाले हैं। सचिन पायलट ने इस बात का खुलासा किया है कि वह कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आखिर क्यों नहीं गए थे। लेकिन एक जो सबसे अहम सवाल था कि क्या सचिन पायलट राजस्थान के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे? आइए जानें इसपर सचिन पायलट ने क्या कहा? 

इंडिया टूडे मैगजीन को दिए इंटरव्यू में जब सवाल किया गया, '' मुख्यमंत्री बनना आपके (सचिन पायलट) लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है? जैसा कि आपके पार्टी के कई सहयोगी बताते हैं कि आपको पार्टी से बहुत कुछ मिला है- केंद्रीय मंत्रालय, राज्य इकाई के अध्यक्ष और 40 साल की उम्र तक उप मुख्यमंत्री का पद। क्या आप एक असंतुष्ट महत्वाकांक्षी हैं?

सचिन पायलट ने जवाब दिया, ''यह सिर्फ मुख्यमंत्री बनने की बात नहीं है। मैंने 2018 में पार्टी को जीत के लिए नेतृत्व करने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए हिस्सेदारी का दावा किया था। मेरे पास सही तर्क और कारण थे। मैंने जब पार्टी का कार्यभार संभाला तो 200 सीटों में से 21 सीटों पर हम सिमट गए थे। अगले पांच वर्षों तक, गहलोत जी ने एक भी शब्द नहीं बोला, जबकि मैंने लोगों के साथ काम किया, कैडर को मजबूत किया। हमने वसुंधरा राजे सरकार के कुशासन का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस अत्याचारों को दूर किया।लेकिन जीत के बाद गहलोत जी ने अपने अनुभव के आधार पर सीएम की कुर्सी का दावा किया। लेकिन उनका अनुभव क्या है?''

सचिन पायलट (फाइल फोटो)

सचिन पायलट ने आगे कहा,  ''2018 से पहले, वह (अशोक गहलोत) 1999 और 2009 में दो बार सीएम बन चुके थे। 2003 और 2013 के दो चुनावों में, उनकी अगुवाई में पार्टी 56 और 26 सीटों पर आ गई थी। फिर भी, उन्हें तीसरी बार सीएम पद से पुरस्कृत किया गया। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए एक सुंदर रैली का वादा किया। गहलोत के अपने बूथ पर भी कांग्रेस का उम्मीदवार नहीं जीत सका। यही उनका अनुभव है। फिर भी, मैंने उन्हें सीएम बनाने के राहुल गांधी के फैसले को स्वीकार कर लिया। यह राहुल गांधी के आग्रह पर था, मैं डिप्टी सीएम बनने के लिए सहमत था हालांकि मैं शुरू में अनिच्छुक था। राहुल जी ने गहलोत जी से शक्ति और काम के समान वितरण के लिए व्यवस्था करने को कहा था। लेकिन सीएम गहलोत ने राहुल गांधी की बात को नजरअंदाज कर दिया। मुझे अपमानित करने के लिए एक एजेंडा बनाया और मुझे अपने लोगों को अपनी प्रतिबद्धता देने से रोका।''

क्या आप (सचिन पायलट) बीजेपी में शामिल होंगे? बीजेपी कह रही है कि आपके लिए उनके दरवाजे खुले हैं? 

मैं आपको साफ-साफ बता देना चाहता हूं कि मैं बीजेपी ज्वाइन नहीं कर रहा हूं। मैं अभी यही कहना चाहता हूं कि मैं अपने लोगों के लिए काम करता रहूंगा।

अशोक गहलोत, राहुल गांधी और सचिन पायलट (पुरानी तस्वीर)

अशोक गहलोत का आरोप है कि आप (सचिन पायलट) बीजेपी के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश रच रहे थे? 

सचिन पायलट ने कहा, अशोक गहलोत के इन दावों में कोई सच्चाई नहीं हैं।  मैंने राजस्थान में कांग्रेस को जिताने के लिए जीतोड़ मेहनत की है। तो आप बताइए क्या मैं पार्टी के खिलाफ काम करूंगा? 

क्या आप (सचिन पायलट) अशोक गहलोत से नाराजा है?

सचिन पायलट ने कहा, ''मैं अशोक गहलोत से नाराज नहीं हूं...मैंने उनसे कोई खास ताकत भी नहीं मांगी थी। मैं बस ये चाहता कि जनता से किए गए वादे पूरे हो। मेरे समर्थकों को विकास के कार्य करने का भी मौका भी नहीं मिला था।  मुझे राजस्थान में विकास का काम नहीं करने दिया गया। यहां तक की अफसरों को भी कह दिया गया था कि वह मेरे आदेशों का पालन ना करें। ऐसे पद को लेकर फिर मैं क्या करता जब जनता से किए वादे ही मैं पूरे ना कर सका तो।''

कांग्रेस ने राजस्थान में 14 जुलाई को सचिन पायलट सहित तीन मंत्रियों को हटाया

कांग्रेस ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट के विरूद्ध सख्त कदम उठाते हुए उन्हें मंगलवार (14 जुलाई) को उप मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पदों से हटा दिया। इसके साथ ही पार्टी ने पायलट के साथ गए सरकार के दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को भी उनके पदों से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।

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