हार्दिक पटेल इस वजह से नहीं लड़ पाएंगे लोकसभा चुनाव, इस सीट से चुनाव लड़ने की जतायी थी इच्छा
By पल्लवी कुमारी | Published: March 29, 2019 06:46 PM2019-03-29T18:46:36+5:302019-03-29T18:46:36+5:30
गुजरात में चार अप्रैल नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख है। फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए हार्दिक के पास कुछ ही दिन हैं।
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की लोकसभा चुनाव लड़ने की सारी उम्मीदें खत्म हो गई हैं। जिसके पीछे की वजह है हार्दिक का आपराधिक अतीत। गुजरात उच्च न्यायालय ने 2015 के हिंसा मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दी।
गुजरात में चार अप्रैल नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख है। फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए हार्दिक के पास कुछ ही दिन हैं। 12 मार्च को कांग्रेस में शामिल होने वाले हार्दिक ने जामनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी थी।
17 केस और दो देशद्रोह के मामले
पहले की सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने उनकी याचिका पर कड़ा विरोध प्रकट करते हुए कहा था कि हार्दिक का आपराधिक अतीत रहा है। उनके खिलाफ 17 प्राथमिकी दर्ज हैं, इसमें देशद्रोह के दो मामले हैं। उच्च न्यायालय के फैसले के बाद हार्दिक के वकील ने कहा कि सबसे पहले वे आदेश को पढ़ेंगे और फिर उच्चतम न्यायालय जाने का फैसला करेंगे।
हार्दिक का मामला साधारण नहीं है: न्यायमूर्ति ए जी
न्यायमूर्ति ए जी उरैजी ने गुजरात सरकार की दलीलें सुनने के बाद सत्र अदालत द्वारा हार्दिक की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया । अपने आदेश में न्यायमूर्ति उरैजी ने कहा कि असाधारण मामले में ही दोषसिद्धि पर रोक लगायी जा सकती है और हार्दिक का मामला इस श्रेणी में नहीं आता ।
हार्दिक को दो साल की सजा सुनाई जा चुकी है
पिछले साल जुलाई में मेहसाणा जिले के विसनगर में सत्र अदालत ने पटेल को दो साल जेल की सजा सुनायी थी। पिछले साल अगस्त में उच्च न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा हार्दिक को दो साल की जेल की सजा पर रोक लगा दी थी लेकिन उनकी दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगायी थी।