नई दिल्लीः राज्यसभा में सोमवार को मॉनसून सत्र के पहले दिन तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन और भाजपा के सैयद जफर इस्लाम समेत 15 नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली। तमिलनाडु से द्रमुक के तिरुची शिवा, तेलंगाना से तेलंगाना राष्ट्र समिति के के. केशव राव, तृणमूल कांग्रेस की अर्पिता घोष ने भी उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली।
शपथ लेने वाले अन्य सदस्यों में असम से निर्दलीय अजीत कुमार भुइंया, छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, केरल से एलजेडी के एम वी श्रेयमस कुमार, महाराष्ट्र से राकांपा की फौजिया खान, मेघालय से एनपीपी के वानविरॉय खारलूखी, तमिलनाडु से द्रमुक के एन आर इलांगो, इसी पार्टी के ए पी सेल्वरासू, तेलंगाना राष्ट्र समिति के के. आर सुरेश रेड्डी और उत्तर प्रदेश से भाजपा के जयप्रकाश निषाद शामिल हैं।
कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण उच्च सदन में बैठने की विशेष व्यवस्था की गयी थी। इसके तहत उच्च सदन के सदस्य दोनों सदनों के कक्ष में बैठे थे। कुछ सदस्यों को विभिन्न दीर्घाओं में बैठाया गया था। शपथ लेने वाले अधिकतर सदस्य मास्क पहनकर आये थे।
कुछ सदस्यों ने शपथ लेने के दौरान अपने मुंह से मास्क को नीचे कर दिया। किंतु सभापति वेंकैया नायडू ने उन्हें शपथ लेने के दौरान भी मास्क पहने रहने की नसीहत दी। आम तौर पर नये सदस्य शपथ लेने के बाद सभापति के आसन के पास जाकर उनका अभिवादन करते हैं। किंतु आज ऐसा नहीं हुआ। शपथ लेने वाले सभी सदस्यों ने उसी स्थान से सभापति का अभिवादन किया। नायडू ने हाथ जोड़कर उनके अभिवादन का जवाब दिया।
राज्यसभा की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और हाल ही में दिवंगत तीन सदस्यों के सम्मान में राज्यसभा की बैठक सोमवार को एक घंटे के लिए स्थगित की गयी। सभापति एम वेंकैया नायडू ने मॉनसून सत्र के पहले दिन सदन को मुखर्जी और वर्तमान सदस्यों बेनी प्रसाद वर्मा, एम पी वीरेंद्र कुमार तथा अमर सिंह के निधन की जानकारी को दी।
उन्होंने हाल ही में दिवंगत 15 अन्य पूर्व सदस्यों तथा प्रख्यात शास्त्रीय गायक जसराज के निधन की भी जानकारी दी। इसके बाद सदस्यों ने कुछ क्षण का मौन रखा। नायडू ने पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी और दिवंगत सदस्यों के सम्मान में सदन की कार्यवाही को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया।
परंपरागत रूप से किसी मौजूदा सदस्य या पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर सदन की बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित की जाती है। हालांकि कोरोना वायरस महामारी की छाया में 18 दिन के संक्षिप्त सत्र में एक घंटे के लिए ही कार्यवाही स्थगित की गयी।