नई दिल्लीः संसद सत्र से पहले कांग्रेस की रणनीति तय करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मंगलवार को हुई बैठक में फैसला किया गया कि राज्यसभा के उप सभापति के चुनाव के लिए विपक्ष की तरफ से उम्मीदवार खड़ा किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई रणनीतिक समूह की डिजिटल बैठक में यह भी फैसला किया गया कि उप सभापति पद के चुनाव के लिए विपक्ष का उम्मीदवार खड़ा करने के साथ संप्रग के घटक दलों और समान विचारधारा वाले दलों को साथ लेने का प्रयास किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि अभी किस पार्टी का उम्मीदवार होगा और कौन होगा, इस बारे में सहयोगी दलों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद कोई निर्णय लिया जाएगा। बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, दोनों सदनों में पार्टी के नेता और कुछ अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए।
गौरतलब है कि राज्यसभा में उपसभापति पद के लिए चुनाव 14 सितंबर को कराए जाएंगे। इसी दिन से संसद का मानसून सत्र शुरू होगा। ऊपरी सदन में जदयू के राज्यसभा सदस्य हरिवंश नारायण सिंह का कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद यह पद रिक्त हो गया है। हरिवंश फिर से राज्यसभा के सदस्य चुने गए हैं।
जीडीपी विकास दर में गिरावट समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरा जाएगा
कांग्रेस ने 14 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले मंगलवार को फैसला किया कि सीमा पर चीन के साथ गतिरोध, कोरोना वायरस संकट और जीडीपी विकास दर में गिरावट समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरा जाएगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई रणनीतिक समूह की डिजिटल बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि पार्टी सरकार की ओर से संसद की मंजूरी के लिए लाए जा रहे कुछ अध्यादेशों का विरोध करेगी।
इन अध्यादेशों में दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में संशोधन संबंधी अध्यादेश और पीएम केयर्स कोष में अनुदान पर आयकर में शत प्रतिशत की कटौती से संबंधित अध्यादेश प्रमुख हैं। बैठक के बाद कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘‘हम भारतीय सीमा में चीन की घुसपैठ, कोरोना वायरस संकट और अर्थव्यवस्था की बदहाली पर चर्चा की मांग करेंगे। इन मुद्दों को लेकर सरकार को पुरजोर ढंग से घेरने का प्रयास होगा।’’
उन्होंने कहा कि सांसदों के वेतन में कटौती एवं सांसद निधि के निलंबन से जुड़े अध्यादेश पर यह फैसला हुआ कि कांग्रेस वेतन में कटौती के प्रावधान का समर्थन करेगी, लेकिन सांसद निधि के निलंबन का विरोध करेगी। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के इस रणनीतिक समूह की बैठक में सोनिया गांधी ने आगामी सत्र के दौरान सहयोगी दलों के साथ बेहतर समन्वय की जरूरत पर जोर दिया। राहुल गांधी ने भी इन मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की पैरवी की।