बागियों ने बढ़ाई अशोक गहलोत की परेशानी, अभी बाजी हारे नहीं सचिन पायलट, इन पर निर्भर है सीएम का भविष्य

By हरीश गुप्ता | Published: July 16, 2020 06:55 AM2020-07-16T06:55:37+5:302020-07-16T06:55:54+5:30

बागी विधायकों को नोटिस जारी कर पूछा गया है कि कांग्रेस के व्हिप का उल्लंघन करने पर क्यों न उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाए. नोटिस जारी करने के बाद अब कोई शक नहीं है कि ये विधायक पायलट के खेमे में जा चुके हैं और इन दिनों गुरुग्राम के मानेसर होटल में ठहरे हुए हैं.

Rajasthan political crisis: Rebels MLA Ashok Gehlot Sachin Pilot independents mla small parties | बागियों ने बढ़ाई अशोक गहलोत की परेशानी, अभी बाजी हारे नहीं सचिन पायलट, इन पर निर्भर है सीएम का भविष्य

सचिन पायलट कभी भी अशोक गहलोत के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। (फाइल फोटो)

Highlightsगहलोत सरकार को 13 में से 10 निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है. भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के 2, माकपा के 2 तथा रालोद के 1 विधायक को भी जोड़ लिया जाए तो यह आंकड़ा 103 हो जाता है.

नई दिल्ली: कांग्रेस से बगावत कर उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए गए सचिन पायलट का साथ कितने विधायक दे रहे हैं, यह बात अब तक स्पष्ट नहीं थी, लेकिन बुधवार को उस वक्त इसका खुलासा हो गया, जब कांग्रेस नेतृत्व की शिकायत पर विधानसभा सचिवालय ने कांग्रेस के 19 विधायकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया. अब जबकि बागी विधायकों का वास्तविक आंकड़ा सामने आ गया है, यह भी स्पष्ट हो गया है कि ये कभी भी कांग्रेस का साथ छोड़ सकते हैं. 200 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 107 सदस्य हैं.

यदि अध्यक्ष द्वारा उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाता है तो कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 88 रह जाएगी. गहलोत सरकार को 13 में से 10 निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है. भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के 2, माकपा के 2 तथा रालोद के 1 विधायक को भी जोड़ लिया जाए तो यह आंकड़ा 103 हो जाता है.

विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद सरकार अल्पमत में आ जाएगी. ऐसे में राज्यपाल फ्लोर टेस्ट के माध्यम से बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं. बागी विधायकों को नोटिस जारी कर पूछा गया है कि कांग्रेस के व्हिप का उल्लंघन करने पर क्यों न उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाए. नोटिस जारी करने के बाद अब कोई शक नहीं है कि ये विधायक पायलट के खेमे में जा चुके हैं और इन दिनों गुरुग्राम के मानेसर होटल में ठहरे हुए हैं.

अभी बाजी हारे नहीं हैं पायलट

पायलट न तो अभी बाजी हारे हैं और न ही अभी राजनीतिक ड्रामे के खत्म होने के आसार हैं. अशोक गहलोत जिन विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं, वे भी जयपुर के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं. स्थिति अनिश्चित है. राजस्थान में विधायकों की खेमेबंदी का खेल अभी ठीक से शुरू नहीं हुआ है.

मीडिया की खबरों से निष्कर्ष पर पहुंचना मुश्किल

कुछ समाचार पत्रों और मीडिया में प्रचारित होना कि गहलोत का पलड़ा भारी है, किसी भी नतीजे पर पहुंचने में जल्दबाजी होगी. सरकार को समर्थन दे रहे 10 निर्दलीय तथा अन्य छोटे दलों के विधायकों की भूमिका उस वक्त बेहद अहम हो जाएगी, जिस वक्त भाजपा सत्ता का समीकरण साधने के लिए मैदान में कूद पड़ेगी.

सचिन को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी देने पर विचार कर रही है कांग्रेस

सचिन के पाला बदलकर भाजपा का दामन थामने से इनकार किए जाने के बाद उन्हें पुन: वापस लाने के प्रयास तेज हो गए हैं. प्रियंका गांधी और पी. चिदंबरम उनके संपर्क में हैं, जिसकी पुष्टि स्वयं सचिन ने की है. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार सचिन को बता दिया गया है कि पहले वे कांग्रेस नेतृत्व से मिलकर भूल सुधार करें और मामले को निपटाए. उसके बाद उनकी नई भूमिका तय की जाएगी. जानकार बताते हैं कि सचिन को राष्ट्रीय स्तर पर महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी देने को लेकर पार्टी गंभीरता से विचार कर रही है. महासचिव अथवा कोई अन्य दूसरा पद दिया जाना संभव है, जिसका सीधा सरोकार संगठन के कामों से होगा.

English summary :
Rajasthan Political Crises: Rebel MLAs have been issued notices asking why they should not be disqualified for violating the whip of the Congress. After issuing the notice, there is no doubt now that these MLAs have gone to the pilot's camp and are staying at the Manesar Hotel in Gurugram these days.


Web Title: Rajasthan political crisis: Rebels MLA Ashok Gehlot Sachin Pilot independents mla small parties

राजनीति से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे