बिहार में भीषण गर्मी और मतदान की तिथि नजदीक आने के साथ ही शहर से गांव तक सियासी तापमान में लोग झुलसने लगे हैं. पूर्वी चंपारण संसदीय क्षेत्र का गणित राष्ट्रवाद, विकास और जातीय समीकरण में उलझा हुआ है. वैसे कई जगहों पर जातीय समीकरण भी दरकता नजर आ रहा है. यहां 12 मई को मतदान होना है और कुल 22 उम्मीदवार मैदान में हैं.यहां भाजपा की ओर से 10वीं बार चुनाव लड़ रहे केंद्रीय कृषि सह किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह अब तक 5 बार जीत चुके हैं. वहीं, दूसरी ओर महागठबंधन के रालोसपा प्रत्याशी आकाश कुमार सिंह पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं. वह पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह के पुत्र हैं. दोनों प्रत्याशी अगड़ी जाति से हैं बस अंतर इतना ही है कि एक ओर जहां राधामोहन सिंह राजपूत बिरादरी से हैं तो आकाश कुमार सिंह भूमिहार जाति से हैं.ऐसे में सबकी नजर सहनी, कुशवाहा, यादव व पिछड़ों के बड़े वोट बैंक पर है. राजग विकास कार्य और मोदी सरकार की उपलब्धियां गिना रहा है तो महागठबंधन मोदी सरकार की विफलता व स्थानीय समस्या को मुद्दा बना रहा है. चुनावी लड़ाई में कई गड़े मुर्दे भी उखाड़े जा रहे हैं. वहीं, भाकपा प्रत्याशी प्रभाकर जायसवाल अपने पुराने गढ़ पर कब्जा जमाने के प्रयास में हैं.
क्या राधामोहन को चित कर पाएंगे महागठबंधन प्रत्याशी आकाश कुमार सिंह?
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: May 11, 2019 11:18 IST