विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार (7 जनवरी) को सिंगापुर में आसियान-भारत प्रवासी भारतीय दिवस पर कहा कि सऊदी अरब ने जब 2015 में यमन को अपना निशाना बनाया था, तब चार हजार भारतीय नागरिकों के साथ 1972 विदेशियों की जान केवल पीएम नरेंद्र मोदी के एक फोन कॉल से बच सकी थी। सुषमा ने कहा कि 2015 में सऊदी के शाह को पीएम मोदी का सीधा फोन आया था, जो निर्णायक कॉल साबित हुआ था। इसी फोन कॉल की वजह से यमन में फंसे भारतीयों और विदेशियों को वहां से निकलने में मदद मिली थी।
पीएम मोदी ने सऊदी के किंग को फोन कर बमबारी रोकने के लिए आग्रह किया
सुषमा ने भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा था कि 2015 में जब हजारों की संख्या में यमन में लोग फंसे थे तो वह काफी परेशान थीं। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वहां फंसे भारतीयों को कैसे निकाला जाए, क्योंकि सऊदी की फौज लगातार यमन पर बमबारी कर रही थी। जब उन्हें कोई रास्ता नहीं दिखा तो उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की और उनसे यह आग्रह किया कि रियाद के राजा से बात करें, उन्हें बमबारी रोकने के लिए मनाए। इसके बाद पीएम मोदी ने फोन कर सऊदी के किंग को रोजाना दो घंटे सुबह 9 से 11 बजे तक बमबारी ना करने के लिए मना लिया। पीएम ने सऊदी के किंग को इस बात के लिए भी राजी किया कि वह भारतीयों को सुरक्षित तरीके से निकालकर अदेन बंदरगाह और सेना हवाई अड्डे तक पहुंचा दे।
भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन राहत' शुरू किया था
गौरतलब है कि साल 2015 में सऊदी अरब और उसके सहयोगियों के सैन्य दखल के दौरान यमन से 4000 से अधिक भारतीय नागरिकों एवं विदेशियों को निकालने के लिए भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन राहत' शुरू किया था। इन लोगों को सुरक्षित वापस लाने का काम 11 दिनों तक चला था।