पीएम मोदी ने खुद चुना मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल, पहला लक्ष्य राजनीतिक प्रक्रिया की शुरुआत

By हरीश गुप्ता | Updated: August 7, 2020 07:45 IST2020-08-07T07:45:32+5:302020-08-07T07:45:32+5:30

आईटी बीएचयू, वाराणसी से बी.टेक. (सिविल इंजीनियर) सिन्हा की नई प्रौद्योगिकी पर भी अच्छी पकड़ है. यह चुनौतीपूर्ण कार्य-सिन्हा सिन्हा के सामने जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को तय वक्त में दोबारा स्थापित करने का लक्ष्य मिला है.

PM Modi himself selected Manoj Sinha as the LG of Jammu Kashmir, first goal is the beginning of political process | पीएम मोदी ने खुद चुना मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल, पहला लक्ष्य राजनीतिक प्रक्रिया की शुरुआत

पीएम मोदी ने खुद चुना मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल।

Highlightsप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छह साल के कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी संभालने वाले मनोज सिन्हा चौथे व्यक्ति हैं. पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रति निष्ठावान कोई व्यक्ति जम्मू-कश्मीर के राजभवन तक पहुंचा है.

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छह साल के कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी संभालने वाले मनोज सिन्हा चौथे व्यक्ति हैं. यह नियुक्ति इस लिहाज से महत्वपूर्ण हो जाती है कि पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रति निष्ठावान कोई व्यक्ति जम्मू-कश्मीर के राजभवन तक पहुंचा है.

आजादी के बाद से उनके 11 पूर्ववर्तियों में से किसी का भी संघ से ताल्लुक नहीं था. एन.एन.वोहरा, सत्यपाल मलिक, जी.सी. मुर्मू के साथ प्रयोग के नाकाम रहने के बाद प्रधानमंत्री ने सिन्हा को 4 अगस्त की शाम 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर बुलाया. इस मुलाकात में प्रधानमंत्री ने सिन्हा को अपनी सोच से अवगत कराया.

सिन्हा को जब पहली बार मोबाइल पर बुलावे का संदेश मिला था तो उन्हें नहीं पता था कि क्या होने वाला है. मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी की जिम्मेदारी संभालने के कारण सिन्हा उनके करीबी माने जाते हैं. तीन बार सांसद रह चुके सिन्हा यूपी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार रह चुके हैं. जे.पी. नड्डा के नेतृत्व में पुनर्गठित भाजपा में उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और नवंबर के द्विवार्षिक चुनाव में राज्यसभा सदस्यता मिलने वाली थी.

61 वर्षीय सिन्हा के भाग्य में लेकिन कुछ और ही लिखा था. बुलावे पर हुआ था आश्चर्य आज सुबह लोकमत समाचार से बातचीत में उन्होंने कहा कि अयोध्या में भूमिपूजन से एक दिन पहले प्रधानमंत्री के बुलावे पर उन्हें आश्चर्य हुआ था. पार्टी और नेतृत्व के प्रति निष्ठा और लक्ष्य को पूरा करने की क्षमता ने सिन्हा के दावे को मजबूत किया. उन्हें कम वक्त में फैसले लेने के लिए जाना जाता है.

आईटी बीएचयू, वाराणसी से बी.टेक. (सिविल इंजीनियर) सिन्हा की नई प्रौद्योगिकी पर भी अच्छी पकड़ है. यह चुनौतीपूर्ण कार्य-सिन्हा सिन्हा के सामने जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को तय वक्त में दोबारा स्थापित करने का लक्ष्य मिला है. साथ ही जम्मू-कश्मीर में शांति की बहाली भी उनकी जिम्मेदारी होगी. अनुच्छेद 370 की समाप्ति और उसके बाद के शोर-शराबे के बीच सिन्हा के सामने उस काम को अंजाम देने की चुनौती जिसमें उनके पूर्ववर्ती नाकाम रहे. सिन्हा के मुताबिक, ''यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. ''

Web Title: PM Modi himself selected Manoj Sinha as the LG of Jammu Kashmir, first goal is the beginning of political process

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