शहर के एक वकील ने राजस्थान उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर राज्यपाल कलराज मिश्र को हटाने के लिये राष्ट्रपति को सलाह देने का केंद्र को निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है। राज्य में जारी राजनीतिक खींचतान के बीच यह याचिका दायर की गई। याचिका दायर करने वाले शांतनु पारीक का दावा है कि राज्य मंत्रिमंडल की सलाह पर विधानसभा का सत्र आहूत नहीं करके राज्यपाल अपना संवैधानिक कर्तव्य निभाने में असफल रहे हैं।
पद से हटाए गए उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित 19 विधायकों की बगावत के कारण संकट में फंसी अशोक गहलोत सरकार का कहना है कि वह विधानसभा का सत्र आहूत करना चाहती है और उसने राज्यपाल से इस संबंध में अनुरोध किया है। लेकिन राज्यपाल मिश्र ने राज्य सरकार के प्रस्ताव को दो बार लौटा दिया है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम पर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात की है। उन्होंने कहा,‘‘ कल मैंने उनसे बातचीत की। उनको मैंने बताया कि मैंने आपको पत्र लिखा था और ये हालात हैं, राज्यपाल साहब ने हमारे साथ ये बर्ताव किया। आप जानते हो कि उनके नीचे व्यवस्था क्या है, उन्होंने कहा कि मैं दिखवाता हूं जैसे कि उनको कुछ मालूम ही नहीं है।’’ इसके साथ ही गहलोत ने वहां मौजूद विधायकों से मजबूत रहने की अपील की।
उन्होंने कहा,‘‘ मेरा निवेदन है आप सभी से कि कृपा करके आप लोग मजबूत रहो। आलाकमान पूरी तरह से आपके साथ है। आलाकमान का राजस्थान को लेकर पूरे देश के राजभवनों को एक संदेश देना पहली बार मैंने सुना है। इतना बड़ा जो फैसला किया है लोकतंत्र बचाने के लिए जो अभियान शुरू हुआ वो बहुत शानदार रहा।’’ उन्होंने कहा,‘‘ आपने देश में लोकतंत्र बचाने में बड़ी भूमिका प्रदान की है। आप हिम्मत रखो।’’ उन्होंने कहा,‘‘यह संघर्ष लोकतंत्र को बचाने का है और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, मेरी जिंदगी के अंदर अंतिम सांस तक जो अभी साथ दे रहे हैं कांग्रेस को बचाने का, एक-एक सदस्य का मैं अभिभावक के रूप में उनकी सेवा करूंगा।’’
गहलोत ने उनके नेतृत्व के प्रति बगावती रुख अपनाने वाले सचिन पायलट सहित 19 विधायकों का जिक्र भी अपने संबोधन में किया। गहलोत ने कहा,‘‘हमारे 19 साथी लोग जो गए अगर उन्होंने गलती कर दी है तो वो कांग्रेस अध्यक्ष से माफी मांगें, राहुल गांधी से माफी मांगें।’’ गहलोत ने कहा कि ये लोग हरियाणा के रिसॉर्ट में रह रहे हैं जबकि उनका धरना होना चाहिए था एआईसीसी मुख्यालय पर, उनका ज्ञापन होना चाहिए था कांग्रेस अध्यक्ष के पास कि मुख्यमंत्री से हमें शिकायत है, मंत्रियों से शिकायत है, हमारी मांगें ये हैं।