नई दिल्ली। शुक्रवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। इसके हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं। विपक्षी दल जीएसटी, नोटबंदी, महंगाई और अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरने का पूरा प्रयास करेंगे। दूसरी तरफ सरकार तीन तलाक से जुड़ा कानून संसद के इसी सत्र में पास कराना चाहेगी। शीतकालीन सत्र में कुल 14 बैठकें होंगी और यह 5 जनवरी तक चलेगा। इससे जुड़ी 10 अहम बातें...
- प्रधानमंत्री मोदी ने सत्र की पूर्व संध्या पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुए लोकसभा एवं राज्य विधानसभा चुनावों को एक साथ करवाने की जरूरत पर भी बल दिया। उनका तर्क था कि पांच साल में एकबार चुनाव करवाने से विकास को गति मिलेगी।
- 2016 का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर को समाप्त हो गया था। पिछली बार भी किसी मुद्दे पर सार्थक बहस नहीं हो सकी थी। विपक्ष का आरोप है कि इसबार सरकार ने पूरा कैबिनेट गुजरात चुनाव में उतार दिया इसलिए संसद सत्र में देरी की गई। इसलिए इस सत्र में भी हंगामे के पूर आसार हैं।
- इस सत्र में कांग्रेस राफेल, किसानों की अनदेखी और चुनाव में पाकिस्तान तक को ले आने पर सवाल उठाने की तैयारी में है। साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर तंज किए जाने का भी मुद्दा उठाया जा सकता है।
- कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा, ‘‘हम इस मुद्दे (मनमोहन के खिलाफ मोदी के आरोप) को संसद में उठायेंगे। या तो सरकार दावे को साबित करे अथवा प्रधानमंत्री माफी मांगें। माफी से कम हमें कुछ भी स्वीकार नहीं।’
- इस सत्र में वस्तु एवं सेवा कर (मुआवजा) अध्यादेश 2017 लाने का प्रस्ताव है। इसे 2 सितंबर 2017 को जारी किया गया था।
- इन्सालवेंसी एंड बैंकरप्सी कोड संसोधन विधेयक और भारतीय वन संशोधन विधेयक भी पेश किया जा सकता है।
- एफआरडीआई बिल भी लाया जा सकता है। इसे बैंकों, बीमा कंपनियों और वित्तीय संस्थाओं के डूबे हुए पैसों के सुचारु निवारण के लिए लाया गया है।
- ओबीसी से जुड़ा 123वां संशोधन विधेयक भी पेश किया जा सकता है।
- लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह संसद के शुक्रवार से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में राजनीतिक पार्टियों के नेताओं द्वारा उठाये जाने वाले सभी मुद्दों पर सार्थक चर्चा सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगी।
- 22 दिनों तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में कुल 14 बैठकें होंगी और यह 5 जनवरी तक चलेगा।