संसद का मानसूत्र सत्र: चीन झड़प, कोरोना, रोजगार सहित कई मुद्दों पर विपक्ष होगा हमलावर, कई विधेयक सरकार की प्राथमिकता

By भाषा | Updated: August 31, 2020 20:57 IST2020-08-31T20:57:16+5:302020-08-31T20:57:16+5:30

संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि ‘‘इस बार संसद का मानसून सत्र कोविड-19 महामारी की स्थिति के बीच नये रूप में आयोजित हो रहा है। इसमें कई महत्वपूर्ण अध्यादेश विधेयक के रूप में पारित किए जाने हैं।’’

Monsoon session of Parliament China attacker many issues including corona, employment, many bills are priority of government | संसद का मानसूत्र सत्र: चीन झड़प, कोरोना, रोजगार सहित कई मुद्दों पर विपक्ष होगा हमलावर, कई विधेयक सरकार की प्राथमिकता

बेरोजगारी, प्रवासी मजदूरों की समस्याओं, पीएम केयर्स कोर्ष, फेसबुक-व्हाट्सएप पर आरोपों जैसे मुद्दों पर विपक्ष के विरोध का सामना करना पड़ेगा।

Highlightsसरकार की प्राथमिकता करीब एक दर्जन विधेयक व लगभग इतनी हीं सख्या में अध्यादेश के स्थान पर लाये जाने वाले प्रस्तावित कानूनों को मंजूरी दिलाने की होगी। किसी भी अध्यादेश को छह महीने के भीतर विधेयक के रूप में संसद की मंजूरी दिलवाना जरूरी होता है। वाणिज्य संवर्धन और सुविधा अध्यादेश 2020, किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अध्यादेश 2020 भी शामिल हैं।

नई दिल्लीः कोविड-19 महामारी के बीच सितंबर के मध्य से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र को लेकर विपक्ष ने संकेत दिये हैं कि वह चीन मुद्दे, महामारी और आर्थिक हालात को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा।

वहीं सरकार की प्राथमिकता करीब एक दर्जन विधेयक व लगभग इतनी हीं सख्या में अध्यादेश के स्थान पर लाये जाने वाले प्रस्तावित कानूनों को मंजूरी दिलाने की होगी। संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि ‘‘इस बार संसद का मानसून सत्र कोविड-19 महामारी की स्थिति के बीच नये रूप में आयोजित हो रहा है। इसमें कई महत्वपूर्ण अध्यादेश विधेयक के रूप में पारित किए जाने हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ 11 अध्यादेश हैं जिन्हें विचार के लिये लाया जाना है। ’’ किसी भी अध्यादेश को छह महीने के भीतर विधेयक के रूप में संसद की मंजूरी दिलवाना जरूरी होता है। सत्र के दौरान जिन महत्वपूर्ण अध्यादेशों को लिया जायेगा, उनमें महामारी रोग संशोधन अध्यादेश- 2020, वाणिज्य संवर्धन और सुविधा अध्यादेश 2020, किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अध्यादेश 2020 भी शामिल हैं।

वहीं, सरकार को संसद में कोरोना महामारी, लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प, अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, प्रवासी मजदूरों की समस्याओं, पीएम केयर्स कोर्ष, फेसबुक-व्हाट्सएप पर आरोपों जैसे मुद्दों पर विपक्ष के विरोध का सामना करना पड़ेगा। विपक्ष की ओर से उठाये जाने वाले मुद्दों के बारे में पूछे जाने पर मेघवाल ने कहा, ‘उनके कई मुद्दे हो सकते हैं । यह कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) में तय होगा और इनमें से कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर नियमों के तहत चर्चा होगी।’ सत्र के दौरान सांसदों के वेतन एवं भत्ता संबंधी अध्यादेश को भी लाया जायेगा।

गौरतलब है कि संसद के मानसून सत्र के 14 सितंबर से शुरू और एक अक्तूबर को समाप्त होने की संभावना है। संसद में डेढ़ दर्ज महत्वपूर्ण विधेयक लंबित हैं जिनमें सामाजिक सुरक्षा संहिता 2019, बुजुर्गो के भरण पोषण एवं कल्याण संशोधन विधेयक, व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक 2019, औद्योगिकी संबंध संहिता 2019, पेशेवर सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कामकाजी स्थिति संहिता 2019, कंपनी संशोधन विधेयक 2020 आदि शामिल हैं।

संसद का मानसून सत्र ऐसे समय में आयोजित होने जा रह है जब हाल ही में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र, झारखंड और पश्चिम बंगाल सहित सात राज्यों के मुख्यमत्रियों के साथ बैठक की थी । विपक्ष, मुख्य रूप से कांग्रेस कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था के पटरी से उतरने का आरोप लगाते हुए सरकार पर हमलावर है।

कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष की घटना की जानकारी देने के बारे में पारदर्शी तरीका नहीं अपनाया गया और ऐसे में इन मुद्दों को विपक्ष सदन में उठा सकता है।
 

Web Title: Monsoon session of Parliament China attacker many issues including corona, employment, many bills are priority of government

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