Madhya Pradesh crisis: सिंधिया खेमे के MLA का बेंगलुरु से भोपाल वापस आने का कार्यक्रम हुआ रद्द, चर्चा गर्म

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 13, 2020 08:13 PM2020-03-13T20:13:53+5:302020-03-13T20:13:53+5:30

भाजपा में शामिल हुए सिंधिया के कट्टर समर्थक पंकज चतुर्वेदी ने शुक्रवार को बताया कि यहां भोपाल हवाई अड्डे पर कांग्रेस कार्यकर्ता लाठी-डंडों के साथ जमा हो गए थे, इसलिए सुरक्षा कारणों के चलते अंतिम क्षणों में बेंगलुरु हवाई अड्डे से भोपाल के लिए उड़ान भरने का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।

Madhya Pradesh crisis: Scindia camp's MLA program to return to Bangalore from Bhopal canceled, discussion heated | Madhya Pradesh crisis: सिंधिया खेमे के MLA का बेंगलुरु से भोपाल वापस आने का कार्यक्रम हुआ रद्द, चर्चा गर्म

मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है। 

Highlightsविधायकों को बेंगलुरु हवाई अड्डे के लाऊंज में इंतजार में बैठे होने के वीडियो फुटेज भी दिखाए थे।सिधिंया के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद प्रदेश कांग्रेस के 22 विधायकों ने त्यागपत्र भेजा था।

भोपालः बेंगलुरु में ठहरे मध्य प्रदेश कांग्रेस के सिंधिया खेमे के विधायकों का भोपाल आने का कार्यक्रम अंतिम क्षणों में बेंगलुरु हवाई अड्डे पर रद्द हो गया।

भाजपा में शामिल हुए सिंधिया के कट्टर समर्थक पंकज चतुर्वेदी ने शुक्रवार को बताया कि यहां भोपाल हवाई अड्डे पर कांग्रेस कार्यकर्ता लाठी-डंडों के साथ जमा हो गए थे, इसलिए सुरक्षा कारणों के चलते अंतिम क्षणों में बेंगलुरु हवाई अड्डे से भोपाल के लिए उड़ान भरने का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।

उन्होंने बताया कि फिलहाल ये विधायक बेंगलुरु में ही हैं। इससे पहले टीवी चैनलों में इन विधायकों को बेंगलुरु हवाई अड्डे के लाऊंज में इंतजार में बैठे होने के वीडियो फुटेज भी दिखाए थे। मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिधिंया के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद प्रदेश कांग्रेस के 22 विधायकों ने त्यागपत्र भेजा था। उनमें से सिंधिया समर्थक 19 विधायक बेंगलुरु में ठहरे हुए हैं। सिंधिया समर्थक विधायकों के कथित तौर पर कांग्रेस से बागी होने से मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है। 

विधानसभा में शक्ति परीक्षण के लिए तत्पर, कांग्रेस विधायकों कैद में: मुख्यमंत्री कमलनाथ

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण के लिए तत्पर रहने की बात करते हुए भाजपा पर कांग्रेस विधायकों को कैद में रखने का आरोप लगाया है। कमलनाथ ने शुक्रवार को यहां राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की और उन्हें एक सत्र सौंपा। पत्र में उन्होंने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल होने और कांग्रेस के विधायकों को कैद में रखने का आरोप लगाया है।

राजभवन में टंडन से मुलाकात के बाद कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कभी भी शक्ति परीक्षण किया जा सकता है। मैंने होली के मौके पर राज्यपाल को शुभकामनाएं दी हैं। हमारे 22 विधायकों को बंदी बनाकर रखा गया है। मैंने उन्हें एक पत्र सौंपकर भाजपा द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया है। मैंने मांग की है कि इन विधायकों को तुरंत रिहा किया जाए। ’’

कांग्रेस प्रवक्ता द्वारा मीडिया को जारी इस पत्र में कमलनाथ ने 16 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र के दौरान शक्ति परीक्षण कराने की अपनी इच्छा व्यक्त की है मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा, ‘‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक जिम्मेदार नेता के रूप में मैं अध्यक्ष द्वारा पहले से ही अधिसूचित निर्धारित तिथि पर 16 मार्च, 2020 से मध्यप्रदेश विधान सभा के आगामी सत्र में अपनी सरकार के शक्ति परीक्षण का स्वागत करूंगा।’’ कमलनाथ ने राज्यपाल से आग्रह किया, "महामहिम हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप अपने पद का उपयोग संवैधानिक प्रमुख के रूप में केद्रीय गृह मंत्री के साथ कर सकते हैं ताकि बेंगलुरु में बंदी बने विधायकों की रिहाई सुनिश्चित की जा सके।’’

मुख्यमंत्री ने पत्र में तीन मार्च की रात और चार मार्च से 10 मार्च तक हो रहे राजनीतिक घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए इस दौरान खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया। उन्होंने पत्र में इन परिस्थितियों को मद्देनजर लोकतंत्र को खतरे में बताया। विधायकों के इस्तीफे पर कमलनाथ ने पत्र में कहा, ‘‘ भाजपा नेताओं द्वारा सौंपे गए कांग्रेस के इन विधायकों के त्यागपत्र की हम जांच कराये जाने की आपसे उम्मीद करते हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि इन कांग्रेस नेताओं को कब्जे में रखा गया है और इनको जल्द मुक्त करने के लिए कार्रवाई हो।

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में राज्यपाल से बेंगलुरु में बंधक बनाकर रखे गए इन विधायकों को मुक्त कराया जाना सुनिश्चित करने के लिए अपने कार्यालय का उपयोग करने के लिए भी कहा है। सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के बाद उनके समर्थक मंत्रियों और विधायकों के कांग्रेस से कथित तौर बागी होने से प्रदेश की कांग्रेस सरकार गहरे संकट में आ गई है। सिंधिया समर्थक कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने अपने त्यागपत्र दे दिए हैं। इनमें से अधिकांश विधायक बेंगलुरु में ठहरे हुए हैं।

कांग्रेस ने इन विधायकों के भाजपा के कब्जे में होने और दबाव में आकर त्यागपत्र दिलवाने का आरोप लगाया है। अपुष्ट खबरों के अनुसार सिंधिया खेमे के करीबी माने जाने वाले छह मंत्री विधानसभा अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र सौंपने के लिए बेंगलुरु से शुक्रवार को भोपाल आएंगे। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा कि विधायक सामने आकर त्यागपत्र देंगें तब नियमानुसार इन पर कार्रवाई की जाएगी। अध्यक्ष ने इस मामले में विधायकों को नोटिस जारी किया है। कमलनाथ शुक्रवार का राज्यपाल से राजभवन में मिले। राज्यपाल टंडन गुरुवार रात को ही लखनऊ से भोपाल पहुंचे हैं। 

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