अगर पवन चामलिंग छठवीं बार सिक्किम के मुख्यमंत्री बने तो बनाएंगे ये रिकॉर्ड
By सतीश कुमार सिंह | Updated: April 12, 2019 19:46 IST2019-04-12T19:07:00+5:302019-04-12T19:46:56+5:30
पवन चामलिंग ने किसी राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड माकपा के ज्योति बसु के नाम था। चामलिंग ने 12 दिसंबर, 1994 को पहली बार सिक्किम के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी

पवन कुमार चामलिंग ने सबसे लम्बे समय तक किसी भी भारतीय राज्य का सीएम रहने का ज्योति बसु का रिकॉर्ड तोड़ा था।
सतीश कुमार सिंह
राजनीति के माहिर खिलाड़ी पवन कुमार चामलिंग किरण सिक्किम के लिए किरण से कम नहीं। प्रजातंत्र का सूत्र जनता राज में जनता ही राजा होती है। इस नारे को पवन कुमार चामलिंग ने नारे तक सीमित नहीं रखा। बल्कि लोगों को अनुभव कराने के लिए जमीनी स्तर पर काम किया। इसका परिणाम ही है कि वह गत 25 वर्षों से मुख्यमंत्री बने हैं।
उत्तर-पूर्व के सबसे शांत, खूबसूरत, संपन्न और शिक्षित राज्य के नेता के तौर पर एक नया रिकॉर्ड बनाने वाले सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग बेदाग राजनीतिक छवि और समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने की ललक के साथ सत्ता के अजेय रथ पर सवार हैं और खुद उनके विरोधी तक मानते हैं कि उनसे मुकाबला मुश्किल है।
भारत में सबसे लंबे समय तक सीएम बने रहने का रिकॉर्ड
पवन चामलिंग ने किसी राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। इससे पहले यह रिकॉर्ड माकपा के ज्योति बसु के नाम था। चामलिंग ने 12 दिसंबर, 1994 को पहली बार सिक्किम के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और अभी बने हुए हैं। दक्षिण सिक्किम के यानगांग में 22 सितंबर, 1950 को जन्मे चामलिंग ने मैट्रिक के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। उन्होंने महज 32 वर्ष की आयु में राजनीति में प्रवेश किया था। उन्होंने 1993 में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) का गठन किया।
चामलिंग ने कहा था कि जनता मेरी भाग्य नियंता
चामलिंग ने कहा था कि जनता मेरी भाग्य नियंता है, अगर वे मुझे विश्राम देना चाहें तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है और अगर वह चाहें कि मैं सिक्किम की सेवा करूं तो मैं ऐसा करना जारी रखूंगा। मेरा कोई अपना एजेंडा नहीं है। जीवन के हर दौर में मुझमें विश्वास जताने वालों का मैं शुक्रगुजार हूं। राजनीति की समझ रखने वाले मानते हैं कि इतने लंबे शासन के बावजूद एसडीएफ के इस नेता को चुनौती देने वाला दूर-दूर तक कोई नहीं।
जनता को उनके सिवाय कोई दिखता ही नहीं...
वैसे इस बात में भी दो राय नहीं कि चामलिंग इसलिए अजेय नहीं हैं कि उन्हें चुनौती देने वाली कोई मजबूत शख़्सियत नहीं है। दरअसल चामलिंग के शासन का तरीका और राज्य में किए गए विकास कार्यों ने उन्हें जनता के बीच इस कदर लोकप्रिय बना दिया है कि जनता को उनके सिवाय कोई दिखता ही नहीं। पवन कुमार चामलिंग नेपाली भाषा के एक सम्माननीय लेखक हैं. इनका साहित्यिक नाम पवन कुमार चामलिंग किरण हैं। नेपाली परिवार से ताल्लुक रखने वाले चामलिंग भाषा ना भात्यज् यानी भाषा से ज्यादा हमारे लिए पेट भरने का अन्न मायने रखता है) का नारा देकर सत्ता में आए और समाज के सभी वर्गों को नेतृत्व प्रदान करने में कामयाब रहे।
2020 तक हर व्यक्ति के पास एक मंजिला पक्का घर
प्रति व्यक्ति आय के मामले में सिक्किम का स्थान देश में तीसरा है। चामलिंग कहते हैं कि 2020 तक राज्य में हर व्यक्ति के पास एक मंजिला पक्का घर हो जाएगा। हमने 90 फीसदी काम पूरा कर लिया है। देश का पहला ऑर्गेनिक स्टेट सिक्किम है। 1994 से लेकर 2019 तक उन्होंने लगभग 16 कल्याणकारी योजनाएं लॉन्च की। सिक्किम अकेला ऐसा राज्य है, जहां पूरी तरह आर्गेनिक खेती होती है।
महिलाओं को नौकरी में 30 फीसदी आरक्षण दिया
उन्होंने महिलाओं को नौकरी में 30 फीसदी आरक्षण दिया। सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग ने 'एक परिवार, एक नौकरी' योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत राज्य के उस प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी, जिस परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है।
भूटिया को मैं उनका सम्मान करता हूं
फुटबॉल से राजनीति में आए बाइचुंग भूटिया को लेकर सीएम चामलिंग ने कहा कि मैं उनका सम्मान करता हूं। अगर राज्य में उनकी पार्टी की सरकार बनी तो वो जनता की सरकार होगी। मैं जनता के जनमत का सम्मान करूंगा। मैं एनडीए के साथ हूं, लेकिन मुझे नहीं पता वो लोग मुझे एनडीए का सदस्य मानते हैं या नहीं। अगर वह मानते हैं तो मैं एनडीए के साथ रहूंगा।
फिर से मुख्यमंत्री बनना महत्वपूर्ण नहीं
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे लिए फिर से मुख्यमंत्री बनना महत्वपूर्ण नहीं है। मैं लगातार पांच बार पहले ही चुना जा चुका हूं। लेकिन इस बार, मैं सिक्किम के लोगों के सुरक्षित भविष्य के लिए लड़ रहा हूं। इस बार हमें न केवल प्रत्येक क्षेत्र में जीत दर्ज करना है, बल्कि प्रत्येक बूथ पर भी जीत दर्ज करनी है।