EXCLUSIVE: जब 24 घंटे के अंदर कुलभूषण जाधव को भारत पहुंचाने वाला था पाकिस्तान
By खबरीलाल जनार्दन | Published: December 29, 2017 10:12 AM2017-12-29T10:12:52+5:302017-12-29T10:20:54+5:30
नवाज शरीफ सरकार इस मामले की जानकारी होने के 24 घंटे के अंदर कुलभूषण को वापस करने का मन बना चुकी थी। उन्हें अंदाजा था इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनकी बहुत छीछालेदर होगी।
पाकिस्तानी जेल में बंद पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव की पत्नी-मां से मुलाकात से पैदा हुए हालातों से भारतीय आमजन में कुलभूषण जाधव के वापस आने की उम्मीद लगा ली है। लेकिन भारतीय सुरक्षा तंत्र के जानकार और पाकिस्तान-भारत रिश्तों की बेहतर समझ रखने वाले रिटायर्ड मेजर जनरल प्रमोद कुमार सहगल का कहना है, 'पाक किसी हालत में कुलभूषण को वापस नहीं आने देगा।' कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी आर्मी कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है। लेकिन इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस की दखल से सजा पर रोक लगी हुई है।
पीके सहगल भारतीय सेना के कई उच्च पदों पर रहे हैं। वह आर्मी डिफेंस कॉलेज के हेड रह चुके हैं। उन्होंने सेना के तीन हजार जवानों को आर्मी कॉलेज में विशेष ट्रेनिंग दी है। करगिल युद्ध के वक्त भी मेजर जनरल पीके सहगल ने विशेष भूमिका अदा की थी। तब मेजर ने पाकिस्तानी नीति और कूटनीति दोनों को ही करीब से देखा। रिटायरमेंट के बाद सहगल भारतीय सेना और रक्षा तंत्र पर गहरी पैठ रखते हैं और इनसे जुड़े मुद्दों पर खुलकर बोलते हैं।
कुलभूषण जाधव पर लगे आरोपों को आप कैसे देखते हैं?
कुलभूषण पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं। कुलभूषण एक भारतीय नागरिक हैं। उनके ऊपर आर्मी एक्ट लग ही नहीं सकता। उनका मामला सिविल कोर्ट में चलना चाहिए था। आर्मी कोर्ट में मुकदमा चलाने का आशय साफ है। पाक की मंशा कुलभूषण जाधव को लेकर नापाक है।
क्या ये सब पाक सरकार करा रही है?
नहीं। बिल्कुल नहीं। नवाज शरीफ सरकार को तो पता तक नहीं था, इस मुकदमे के बारे में। उन्हें इसके बारे में तब बताया गया जब आर्मी कोर्ट ने जाधव को फांसी की सजा सुना दी। इतिहास गवाह है, पाकिस्तान में सरकारें सेना के नियंत्रण में रही हैं। सेना सरकार के नियंत्रण में नहीं।
नवाज शरीफ सरकार लगातार भारत के करीबी होने का दावा करती है। जब उन्हें पता चला तो कुलभूषण वापस क्यों नहीं किया?
नवाज शरीफ सरकार इस मामले की जानकारी होने के 24 घंटे के अंदर कुलभूषण को वापस करने का मन बना चुकी थी। उन्हें अंदाजा था इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनकी बहुत छीछालेदर होगी। इस बारे में पाकिस्तानी सदन में तक चर्चा हुई है। वहां भी कुलभूषण को लौटाने की सहमति बनने लगी थी। लेकिन मैंने पहले ही कहा, पाकिस्तानी शासन सेना और आतंकी संगठनों से प्रभावित है। वह कभी नहीं चाहेंगे उनकी पोल खुले।
आर्मी कोर्ट के सबूतों पर आप क्या कहेंगे, उन्होंने जाधव के गुनाह कबूल करते हुए वीडियो जारी किए थे।
वीडियो डब किए गए हैं। कुलभूषण पर अत्याचार करके वह वीडियो उनसे जबरन बनाए गए हैं। बल्कि वीडियो का कुछ हिस्सा नकली भी मालूम होता है। अब यह बात और पुख्ता हो गई है। मां भले अपने बच्चे को छूए नहीं पर उस पर बीत रही परिस्थितियों को भाप जाती है। आपने ध्यान से कुलभूषण के मां के बयान सुने हो तो उन्होंने बताया कि कैसे कुलभूषण ने आते ही वहीं बातें शुरू कर दी हैं जो उन्हें अत्याचार के दम पर सीखाई गई थीं। कुलभूषण की मां ने स्वीकारा की उनके बेटे को यातना दी जा रही है। ऐसे में आप पहले की उन वीडियो पर कैसे भरोसा कर सकते हैं। वह पाकिस्तानी आर्मी की सोची-समझी साजिश है।
पाकिस्तान ने जाधव की पत्नी-मां से मुलाकात पर जो रवैया अपनाया उसका अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर कोई असर होगा?
बिल्कुल होगा। जिस तरह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस बात को सदन में उठाया है, दुनिया में एक मजबूत संदेश चला गया है। इससे पाकिस्तान एक बार फिर से एक्सपोज हुआ है। इस मामले को अभी और बढ़ाना चाहिए। पाक का रवैया, जिसका उल्लेख विदेश मंत्री ने किया वह शर्मनाक है। पाकिस्तान ऐसा पहले भी करता रहा है।
आप मामले पर भारत की विदेश नीति से संतुष्ट हैं?
इस वक्त हमारी विदेश नीति सटीक है। ऐसे में मामले में पाकिस्तान के साथा इससे ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकत। यह पाकिस्तान के राजनयिकों की वाकई जीत है जो वह यह मुलाकात संभव करा पाए। इसके आगे जो हुआ वह पाकिस्तान की कारस्तानी है। यह मुलाकात एक बेहतर कदम साबित हो सकती थी। लेकिन पाकिस्तान किसी हाल में कुलभूषण को छोड़ना नहीं चाहता। इसलिए ये सारी कवायद की जा रही है। लेकिन पूरे मामले में भारतीय विदेश नीति की जीत हुई है।
फिर तो भारत को अंतर्राष्ट्रीय न्यायलय में जीत मिलनी चाहिए!
हां, जरूर। मुझे पूरी उम्मीद है इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में भारत ही जीतेगा।
तो क्या कुलभूषण जाधव वापस आ जाएंगे?
नहीं। आईसीजे में हारने के बाद भी पाकिस्तान के पास यूएन काउंसिल में सिक्योरिटी का हवाला देकर पाक केस को और आगे बढ़ाने का समय ले सकता है। वह अपना सर्वस्व झोंक देंगे पर कुलभूषण को वापस नहीं आने देंगे। क्योंकि वह बीते 22 महीने से वह यही कर रहे हैं। कुलभूषण के भारत लौटने से दुनिया के सामने पाकिस्तानी सेना का घिनौना चेहरा सामने आ जाएगा। हमने कारगिल युद्ध के दौरान वह चेहरा देखा है।