जयपुरः प्रदेश में आज एक माह से अधिक लम्बे समय के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की मुख्यमंत्री निवास पर मुलाकात हुई।
20 जून के बाद ये दोनों नेताओं की पहली मुलाकात है। दोनों ने आपस में हाथ मिलाए और मुस्कुराकर एक-दूसरे का अभिवादन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री निवास पर होटल फेयरमोंट से पहुंचे विधायकों के साथ कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू हो गई। इससे पूर्व पायलट खेमे के विधायकों विश्वेन्द्र सिंह और भंवरलाल शर्मा को पार्टी ने निलंबन वापस ले लिया।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने फिर दोहराते हुए कहा कि हमें फॉरगेट एंड फॉरगिव, आपस में भूलो, माफ करो और आगे बढ़ो की भावना के साथ लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई में जुटना है। कांग्रेस की लड़ाई तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में लोकतंत्र को बचाने की है। बीते एक माह में कांग्रेस में जो कुछ हुआ उसे देश-प्रदेश और लोकतंत्र के साथ ही प्रदेशवासियों के हित में भूल जाना चाहिए।उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक तीन दिन पूर्व जयपुर लौट आए। मुख्यमंत्री निवास पर चल रही विधायक दल की बैठक में कल से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र को लेकर सरकार की भावी रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
भाजपा विधायक दल की बैठक में हुआ फैसला, भाजपा विधानसभा सत्र में लाएगी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
राजस्थान में आज जयपुर स्थित भाजपा मुख्यालय में भाजपा विधायक दल की बैठक हुई जिसमें यह निर्णय लिया गया कि 14 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में भाजपा प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। विधायक दल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित 74 विधायक मौजूद रहे।
राजे ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने जनता के हितों का ध्यान न रखकर अपने हितों को अधिक महत्व दिया है। विधायक दल की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने इतिहास बना लिया होगा, जो सरकार लोकतंत्र, नैतिकता, संगठन और सद्भाव की बात करती हो।
वह पिछले एक महीने से भी अधिक समय से बाड़े में बंद हो, ऐसा विश्व में कहीं हुआ है क्या? स्वतंत्रता की बात करने वाली सरकार अपने ही विधायकों को एयरपोर्ट से रस्सियों में घेर कर विधायकों को होटल ले गई ऐसा प्रतीत हो रहा था मानों गुलामों से व्यवहार कर रहे हों और कहीं से विधायक भाग न जाएं।
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से केंद्र की योजनाओं की अनदेखी की, जिसकी बात भी बैठक में रखी गई। राजस्थान की सरकार ने अपने जिन विधायकों के खिलाफ एसओजी और एसीबी में एफआईआर दर्ज कराई थी। एसओजी के वे अपराधी विधायक जो अभियुक्त हैं, मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पर पहुंच जाते हैं। ये कैसी कानून व्यवस्था है।
सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार में भारी विरोधाभास है और यह सरकार कितने दिन तक चलेगी कहा नहीं जा सकता। संभव है कि कल सरकार की ओर से विश्वास मत का प्रस्ताव लाया जाए, हम भी अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तैयार हैं। संभव है कि सरकार कल सिर गिना दे लेकिन इनका जनमत गिर चुका है, नैतिक रूप से सरकार हार चुकी है। सदन जिस भी रूप में चलेगा। हमारे विधायक पूरी तरह से तैयार हैं। सरकार को पूरी तरह से जनहित के मुद्दों पर घेरेंगे।