मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि हमारी विकास दर कैसे बढ़ रही है: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे
By कोमल बड़ोदेकर | Updated: April 27, 2018 23:19 IST2018-04-27T23:19:41+5:302018-04-27T23:19:41+5:30
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि ये कैसा ग्रोथ रेट है जिसे समझने में असफल हो रहा हूं।

मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि हमारी विकास दर कैसे बढ़ रही है: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे
मुंबई, 27 अप्रैल। बढ़ती मंहगाई दर और आसमान छूती पेट्रोल-डीजल की कीमतों से आमजन काफी परेशान है। इस मामले में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। ठाकरे ने कहा कि ये कैसा ग्रोथ रेट है जिसे समझने में असफल हो रहा हूं। पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। महंगाई बढ़ रही है। मुझे नहीं पता कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर कैसे लगाम लगाते हैं।
I fail to understand how our growth rate is increasing. The prices of petrol & diesel are increasing. Inflation is increasing but I don't know how come our PM sees that our growth rate is increasing: Uddhav Thackeray, Shiv Sena pic.twitter.com/reTy4OJVtO
— ANI (@ANI) April 27, 2018
बता दें कि इससे पहले पेट्रोल और डीजल के दाम में तेजी के बीच पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मीडिया को बताया था कि सरकार ग्राहकों को होने वाली तकलीफ को लेकर चिंतित है लेकिन सरकार को ग्राहकों के हित तथा राजकोषीय जरूरत के बीच संतुलन पर ध्यान देना होता है। हालांकि, प्रधान ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम में बढ़ोतरी के कारण होने वाले प्रभाव को कम करने को लेकर उत्पाद शुल्क में कटौती के बारे में कोई प्रतिबद्धता नहीं जतायी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन के दाम में तेजी से पेट्रोल 55 महीने के उच्चतम स्तर 74.63 रुपये लीटर तथा डीजल 65.93 रुपये लीटर की नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। उन्होंने उद्योग के एक कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में संवाददाताओं से कहा , ‘‘हम तकलीफ को लेकर चिंतित हैं ... हम कीमत वृद्धि को लेकर चिंतित हैं। ’’
यह पूछे जाने पर कि सरकार मसले से निपटने के लिये क्या कर रही है , प्रधान ने कहा कि राज्यों को पेट्रोल और डीजल पर बिक्री कर या वैट में कटौती करनी चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या उनके मंत्रालय ने उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग की है , उन्होंने कहा कि टुकड़ों में ऐसा करने से मदद नहीं मिलेगी।
प्रधान ने कहा , ‘‘चीजों को समग्र रूप से दखने की जरूरत है। हमें राजकोषीय संतुलन ठीक रखना है और साथ ही उपभोक्ताओं के हितों की भी रक्षा करनी है। ’’ उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर सामूहिक रूप से गौर कर रही है। मंत्री ने कहा कि तेल कीमतों पर नजर है। इस सप्ताह की शुरूआत में वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि अगर सरकार राजकोषीय घाटे में कमी लाना चाहती है तो उत्पाद शुल्क में कटौती की सलाह उपयुक्त नहीं है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे में कमी लाकर उसे सकल घरेलू उत्पाद ( जीडीपी ) के 3.3 प्रतिशत के स्तर पर रखने का लक्ष्य रखा है। पिछले वित्त वर्ष में यह 3.5 प्रतिशत रही है। प्रधान ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम में तेजी के लिये भू - राजनीतिक कारणों को इसकी वजह बताया। उन्होंने कहा कि तेल निर्यातक देशों के संगठन ( ओपेक ) ने उत्पादन में कटौती करने का फैसला किया है जबकि वेनेजुएला, ईरान और सीरिया की स्थिति दाम में वृद्धि में योगदान कर रहे हैं।