चंडीगढ़: कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा के एक दिवसीय सत्र के कुछ हिस्से का यह दावा करते हुये बहिष्कार किया कि प्रदेश के लोगों से जुड़े 'ज्वलंत मुद्दों' को उठाने का पार्टी को समय नहीं दिया गया । कांग्रेस ने कहा कि वह सरकार से यह आश्वासन चाहती थी कि प्रदेश में हुये 'विभिन्न घोटालों' की जांच या तो केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अथवा उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से करवायी जायेगी।
कांग्रेस के कुछ विधायकों एवं इंडियन नेशनल लोकदल के (आईएनएलडी) के एकमात्र विधायक अभय सिंह चौटाला ने कम समय के लिये विधानसभा सत्र का विरोध किया । विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि उनकी पार्टी के विधायकों को राज्य के लोगों से संबंधित ज्वलंत मुद्दों को उठाने का समय नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा, 'हमने विभिन्न मसलों पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का नोटिस दिया था और कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर हम स्थगन प्रस्ताव चाहते थे लेकिन हमें इन मसलों पर बात करने के लिये समय नहीं दिया गया ।'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश सरकार से ठोस आश्वासन चाहती थी कि वह प्रदेश में शराब, धान, खनन, भूमि का पंजीकरण समेत विभिन्न घोटालों की जांच या तो सीबीआई से या फिर उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से करवायेगी.....लेकिन वे इस पर चुप थे क्योंकि वे जानते हैं कि उन्हें चीजें छिपानी पड़ेगी।'
उन्होंने कहा, 'हमने कार्यवाही का बहिष्कार किया क्योंकि वे हमें सुनने को तैयार नहीं थे । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सरकार ने सत्र शुरू होने से पहले सदन की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक के दौरान उनसे कहा था कि बुधवार को केवल महत्वपूर्ण कार्य ही किये जायेंगे।
उन्होंने दावा किया कि इसके बावजूद गैर महत्वपूर्ण विधेयकों को रखने का प्रयास किया गया जिसे टाला जा सकता था । मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और विधानसभा अध्यक्ष और दो मंत्रियों समेत भाजपा के सात सदस्य सदन में मौजदू नहीं थे।
विधानसभा में प्रवेश करने से पहले कांग्रेस के कुछ विधायकों ने प्रदेश में 'चौतरफा भ्रष्टाचार' के खिलाफ सांकेतिक विरोध किया और इन लोगों ने जो मास्क पहना था उस पर लिखा था —कोविड में भ्रष्टाचार के खिलाफ । हालांकि, विधायक सदन में सामान्य मास्क पहन कर गये थे।