Gujarat civic poll results 2021: गुजरात स्थानीय निकाय चुनाव में मतगणना जारी है। 81 नगर निगम, 31 जिला पंचायत और 231 तालुका पंचायतों के चुनाव में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया था।
भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में टक्कर है। भाजपा बड़ी बढ़त के साथ आगे है। नगर निगम के बाद स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस बेहाल है। शहर के बाद गांव में कांग्रेस का बुरा हाल है। गुजरात में विभिन्न नगर पालिकाओं, जिला एवं तालुका पंचायतों में हुए चुनाव में 2720 सीटें जीतकर भाजपा बढ़त बनाये हुए है जबकि कांग्रेस ने अब तक 994 सीटें जीती हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने बताया कि तीनों स्थानीय निकायों में कुल 8,474 सीटें हैं। 237 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुने गये हैं। तालुका पंचायतों की दो सीटों और नगर पालिकाओं की 24 सीटों के लिए उपचुनाव भी हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी की जीत पर ट्वीट करते हुए कहा कि गुजरातभर में नगरनिगम, तालुका पंचायत और जिला पंचायत चुनावों के परिणामों ने स्पष्ट संदेश दिया है कि गुजरात के लोग बीजेपी के विकास और सुशासन के एजेंडे का पुरजोर समर्थन करते हैं। मैं गुजरात के लोगों को उनके अटूट विश्वास और बीजेपी के लिए प्यार के लिए सलाम करता हूं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा
गुजरात में स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा ने इस्तीफा दे दिया है, जबकि कांग्रेस विधायक दल के नेता परेश धनानी ने भी इस्तीफा दे दिया है। अमित चावड़ा ने हार के लिए ईवीएम को दोषी ठहराया, उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है।
एसईसी ने बताया कि मंगलवार दोपहर एक बजे तक उपलब्ध नतीजों के अनुसार भाजपा ने सभी स्थानीय निकाय संस्थाओं में अब तक 2,085 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि कांग्रेस ने 602 सीटों पर जीत दर्ज की है। इसके अनुसार आम आदमी पार्टी ने 15 सीटें, बहुजन समाज पार्टी ने पांच सीटें जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों ने 42 सीटों पर जीत दर्ज की है।
नगर पालिकाओं में भाजपा ने अब तक 803 सीटें और कांग्रेस ने 159 सीटें जीती हैं। जिला पंचायतों में भाजपा ने अब तक 803 सीटें और कांग्रेस ने 55 सीटें जीती हैं। तालुका पंचायतों में भाजपा ने अब तक 1,036 सीटें और कांग्रेस ने 388 सीटें जीती हैं। एसईसी ने बताया कि गुजरात में 542 मतगणना केंद्रों पर हो रही मतगणना के लिए 58,000 से अधिक चुनावकर्मी और पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं।
उमरगाम नगर पालिका में भाजपा ने 21 सीटें जीती हैं
वलसाड जिले की उमरगाम नगर पालिका में भाजपा ने 21 सीटें जीती हैं। कांग्रेस ने भरूच नगरपालिका में 8 सीटें जीतीं, बीजेपी ने 12 सीटें जीतीं। भरूच नगर पालिका में कुल 44 सीटें हैं। भरूच जिले की अंकलेश्वर नगरपालिका में भाजपा ने 19 सीटें जीती हैं। इस नगरपालिका में कुल 36 सीटें हैं। अमरेली जिला पंचायत पर भाजपा ने कब्जा कर लिया है। कांग्रेस विधायक और विपक्ष के नेता परेश धनानी का निर्वाचन क्षेत्र है, भाजपा को 50% से अधिक सीटें मिल रही हैं।
गुजरात में 81 नगरपालिकाओं, 31 जिला पंचायतों और 231 तालुका पंचायतों में कुल 8,474 सीटें हैं, जिनमें से 237 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध रहे और तालुका पंचायत की दो सीटों के लिए कोई पर्चा नहीं भरा गया। इस प्रकार चुनाव कुल 8,235 सीटों के लिए हुए हैं।
रविवार को 58.82 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया। जबकि जिला पंचायतों के लिए यह आंकड़ा 65.80 और तालुका पंचायतों के लिए 66.60 प्रतिशत था। भाजपा ने अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा, जामनगर, भावनगर के छह नगर निगम चुनावों में क्लीन स्वीप किया।
8,235 सीटों के लिए भाजपा ने 8,161 उम्मीदवार, कांग्रेस ने 7,778, आम आदमी पार्टी (आप) ने 2,090, अन्य ने एसईसी को मैदान में उतारा। भाजपा और कांग्रेस के अलावा, AAP और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM भी इस बार गुजरात में स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मैदान में थी।
गुजरात निकाय चुनाव : हारने वालों में कांग्रेस विधायक और विधायकपुत्र भी शामिल
गुजरात में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में एक ओर भाजपा को जीत मिली है। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस के खेमे में हारने वालों में एक मौजूदा विधायक एवं सात विधायकों के बेटे भी शामिल हैं। राज्य में 28 फरवरी को हुए मतदान के बाद 81 नगर पालिकाओं, 31 जिला पंचायतों एवं 231 तालुका पंचायतों में मतगणना जारी है। इस चुनाव में सबसे बड़ा झटका आनंद जिले के पेटलाड से तीन बार के कांग्रेस विधायक निरंजन पटेल को लगा है जिन्हें पेटलाड नगरपालिका के वार्ड संख्या दो और पांच से हार मिली है।
उनके बेटे सौरभ पटेल को भी इसी नगरपालिका में भाजपा से हार मिली है। आनंद के सोजित्रा से कांग्रेस विधायक पूनमभाई परमार के बेटे विजय परमार को भी भाजपा उम्मीदवार से तारापुर तालुका पंचायत के मोराज सीट से हार मिली है जबकि उनके भतीजे निकुंज परमार को भी हार का सामना करना पड़ा है।
खेडब्रह्मा से कांग्रेस विधायक अश्विन कोतवाल के बेटे यश कोतवाल को भी साबरकांठा के आदिवासी बहुत विजयनगर तालुका पंचायत के चैतरिया से हार मिली है। भिलोडा से कांग्रेस विधायक अनिल जोशियारा के बेटे केवल को भी अरावली जिले के भिलोड़ा तालुका पंचायत के उपसल सीट से हार का स्वाद चखना पड़ा है।
गिर सोमनाथ के उना से छह बार के कांग्रेस विधायक पंजा वंश के बेटे परेश वंश को भी भाजपा के प्रतिद्वंद्वी से राजपाड़ा से हार मिली है। देवभूमि द्वारका के खम्भालिया से कांग्रेस विधायक विक्रम मदम को जिला पंचायत के वडतारा सीट से बेटे करण की हार देखनी पड़ी है जबकि पूर्व गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन मोढ़वाडिया के भाई रामदेव मोढ़वाडिया को पोरबंदर तालुका पंचायत के किंदरखेड़ा सीट से हार का सामना करना पड़ा है।
भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक छोटे वसावा के बेटे दिलीप वसावा भी भरुच जिले के राजपरदी सीट पर चुनावी परीक्षा उत्तीर्ण करने में असफल रहे। संयोगवश भाजपा ने इस चुनाव में मौजूदा जनप्रतिनिधियों के बेटे-बेटियों को टिकट नहीं देने का फैसला किया था।