योगी आदित्यनाथ ने दिया खुद पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का आदेश, 1995 का है मामला
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: December 27, 2017 12:10 PM2017-12-27T12:10:05+5:302017-12-27T12:12:29+5:30
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत कई राजनेताओं के खिलाफ दर्ज करीब 20 हजार राजनीतिक मुकदमों की वापसी की कवायद शुरू हो गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने योगी आदित्यनाथ समेत कई राजनेताओं पर दर्ज मुकदमें वापस लेने की ओर कदम बढ़ाया है। साल 1995 में योगी आदित्यनाथ समेत केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल, विधायक शीतल पांडेय और अन्य 10 के खिलाफ धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। योगी सरकार ने गोरखपुर जिलाधिकारी को केस वापस लेने का आदेश जारी किया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अधिकारी ने आदेश का पालन करते हुए कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
21 दिसंबर को यूपी विधानसभा में यूपीकोका बिल पेश किया गया था जिसका उद्देश्य सूबे में संगठित अपराध की कमर तोड़ना है। इसी दौरान यूपी सरकार ने एक ऐसा आदेश जारी कर दिया जिसमें उनके खिलाफ चल रहा मुकदमा खत्म करना है। यह 1995 में निषेधाज्ञा का मामला है जिसमें योगी आदित्यनाथ, शिव प्रताप शुक्ल, शीतल पांडेय समेत 10 अन्य लोग नामजद हैं।
बता दें कि यह मामला गोरखपुर के पीपीगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। इस मामले में स्थानीय कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। इसके बावजूद आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। अभियोजन अधिकारी, गोरखपुर, बी डी मिश्रा ने कहा कि अदालत ने सभी नामों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू का आदेश दिया था लेकिन वारंट जारी नहीं किए गए थे।
गोरखपुर के अपर जिलाधिकारी रजनीश चंद्रा ने भी इस बात की पुष्टि की है कि शासन की तरफ से केस वापसी के लिए आवेदन करने का आदेश आया है। जिसके बाद अभियोजन अधिकारी को संबंधित कोर्ट में आवेदन करने के लिए कहा गया है।