नई दिल्लीः देश में चल रहे किसान आंदोलन और सरकार की प्राथमिकताओं को लेकर राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी नेता शेखर दीक्षित ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने हाल ही में ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने इस बात पर गहरा दुख व्यक्त किया कि जब देश के किसान अत्यधिक गर्मी में भी आंदोलनरत हैं, तब भी उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विपक्षी पार्टियों में दरार डालने और लोकतंत्र पर हमले करने में व्यस्त है, जबकि किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
बता दें शेखर दीक्षित आम आदमी पार्टी के लखनऊ जिला अध्यक्ष हैं। शेखर अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से भी जुड़े रहे हैं, जिसमें उन्होंने जनरल वीके सिंह, किरण बेदीऔर संतोष भारतीय के साथ मिलकर काम किया था। उन्हें आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह का करीबी भी माना जाता है।
किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि:
2020-2021 में हुए किसान आंदोलन के दौरान, पंजाब, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश के किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध किया था। यह आंदोलन किसानों के हितों की रक्षा के लिए था, जिसमें उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और कृषि सुधारों की मांग की थी।
वर्तमान स्थिति और चुनाव:
शेखर दीक्षित ने यह भी इंगित किया कि आगामी लोकसभा चुनाव के अंतिम तीन चरणों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, और झारखंड जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में मतदान होना है। ये राज्य मुख्यतः कैश क्रॉप्स के उत्पादक हैं और यहां के किसानों की स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं की अनदेखी करना, सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े करता है।
शेखर दीक्षित का कहना है कि भीषण गर्मी में भी लखनऊ से होकर पंजाब और हरियाणा की तरफ जाने वाली ट्रेन 30-30 घंटे की देरी से चल रही हैं। उसके बाद भी सरकार उस ओर ध्यान नहीं दे रही है। किसानों की समस्याओं को सुलझाना वर्तमान सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल नहीं है। उन्होंने किसानों की जीवटता को सराहते हुए अपने ट्वीट में वरिष्ठ कवि केदारनाथ अग्रवाल को कोर्ट करते हुए लिखा, "जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है, तूफ़ानों से लड़ा और फिर खड़ा हुआ है, वह जन मारे नहीं मरेगा, नहीं मरेगा।"
यह कविता किसानों के संघर्ष और उनकी अडिगता को दर्शाती है।