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लॉकडाउन से फंसे मजदूर और छात्रः तेजप्रताप ने बांसुरी बजाकर बोला हमला , कहा- हे राजन, संघी ईंट से दबी हुई अंतरात्मा को जगाइए 

By रामदीप मिश्रा | Updated: April 28, 2020 14:55 IST

बिहार के लोग कई राज्यों में फंसे हुए हैं और वह लगातार नीतीश सरकार से वापस बुलाने के लिए गुहार लगा रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि वह केंद्र के साथ मिलकर कोशिशें कर रही है ताकि लॉकडाउन का उल्लंघन न हो।

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ठळक मुद्देतेजप्रताप यादव ने बांसुरी बजाते हुए एक वीडियो ट्वीट किया है। मंगलवार को आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव ने इशारों ही इशारों में नीतीश कुमार को आड़े हाथ लिया है।

पटनाः कोराना वायरस की वजह से देश तीन मई तक के लिए लॉकडाउन है। इस बीच बिहार के प्रवासी मजदूर और छात्र देश के कई शहरों में फंसे हुए हैं, जिसको लेकर राजनीति गरमाई हुई है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर है। वह सभी को वापस बुलाने की मांग कर रही है। मंगलवार को आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव ने इशारों ही इशारों में नीतीश कुमार को आड़े हाथ लिया है।

तेजप्रताप यादव ने बांसुरी बजाते हुए एक वीडियो ट्वीट किया है। उन्होंने महात्मा गांधी के भजन की पंक्ति ट्वीट करते हुए लिखा, 'वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे पीड पराई जाणे रे...' उन्होंने आगे लिखा, 'सच्चा वैष्णव वही है, जो दूसरों की पीड़ा को समझता हो। अतः हे राजन, संघी ईंट से दबी हुई अंतरात्मा को जगाइए और उन बालकों का, उन गरीब मजदूरों का पीड़ा को समझने का प्रयत्न करें और उन्हें अपने राज्य बिहार लाने का प्रबंध करें।'

दरअसल, बिहार के लोग कई राज्यों में फंसे हुए हैं और वह लगातार नीतीश सरकार से वापस बुलाने के लिए गुहार लगा रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि वह केंद्र के साथ मिलकर कोशिशें कर रही है ताकि लॉकडाउन का उल्लंघन न हो। वहीं, राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के छात्र घर जाने के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।    इधर, कांग्रेस ने कोटा में फंसे छात्रों के संदर्भ में दिए गए,बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कथित बयान को उनकी 'अवसरवादी राजनीति' का प्रमाण करार देते हुए दावा किया कि उन्होंने अपने राज्य के बच्चों को वहां भगवान भरोसे छोड़ दिया है। पार्टी प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने एक बयान में कहा कि कहा जाता है कि बुरे वक्त में इंसान का असली चरित्र सामने आ जाता है। नीतीश जी ने कोटा में फंसे बिहार के छात्रों की मदद नहीं करने का फैसला कर यह साबित कर दिया है कि वह और उनकी सरकार सिर्फ अवसरवादी राजनीति में विश्वास रखते हैं। 

उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ बिहार के छात्र मदद की गुहार लगा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बिहार की जेडीयू-बीजेपी सरकार एवं नीतीश कुमार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया है। नीतीश कुमार को अपने रुख पर पुन:विचार करना चाहिए और बच्चों को कोटा से जल्द बिहार लाने का प्रबंध करना चाहिए। 

गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान राजस्थान के कोटा में फंसे छात्र-छात्राओं का मामला उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुरुप हमलोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं, इसलिए जबतक दिशानिर्देशों में अनुकूल बदलाव नहीं होता, तब तक कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाना संभव नहीं है। 

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