राजस्थान और मध्य प्रदेश में इस पार्टी को कुछ सीटें दे सकती है कांग्रेस, सपा-बसपा के वोट कटेंगे?
By प्रदीप द्विवेदी | Published: November 2, 2018 04:13 PM2018-11-02T16:13:04+5:302018-11-02T16:13:32+5:30
यदि कांग्रेस, शरद यादव की पार्टी को एमपी-राजस्थान में दो-चार सीटें दे देती है तो उसे लोकसभा चुनाव में बड़ा लाभ मिल सकता है
वैसे तो शरद यादव का लोकतांत्रिक जनता दल राजस्थान में कोई खास कामयाबी दर्ज करवाने की हालत में नहीं है, लेकिन आम चुनाव- 2019 के मद्देनजर कांग्रेस, लोजद को एमपी-राजस्थान में कुछ सीटें दे सकती है। इसका फायदा कांग्रेस को ऐसे होगा कि उसे लोकसभा चुनाव में बिहार में शरद यादव का साथ मिल जाएगा।
राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के संयुक्त आदिवासी क्षेत्र में कभी दिग्गज समाजवादी नेता मामा बालेश्वर दयाल की मजबूत जनसत्ता रही है, जिसका असर आज भी करीब आधा दर्जन विधानसभा सीटों पर है। मामा बालेश्वर दयाल के गुजर जाने के बाद उनके कुछ समर्थक कांग्रेस में तो कुछ भाजपा में चले गए, जबकि कुछ आज भी समाजवादी खेमे में खड़े हैं। शरद यादव मामाजी के भील आश्रम, बामनिया, मध्यप्रदेश में नियमितरूप से आते रहे हैं तथा कुछ समय से काफी सक्रिय भी हैं।
कांग्रेस को मिल सकता है लोक सभा में बड़ा लाभ
यदि कांग्रेस, शरद यादव की पार्टी को एमपी-राजस्थान में दो-चार सीटें दे देती है तो उसे लोकसभा चुनाव में बड़ा लाभ मिल सकता है राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के संयुक्त आदिवासी क्षेत्र में आज भी सारे दल मामाजी के नाम से ही वोट मांगते हैं। कभी राजस्थान की तीन सीटों- कुशलगढ़, दानपुर और बागीदौरा पर मामाजी के समर्थक समाजवादियों का प्रभाव था और हर बार कम-से-कम दो सीटें जरूर जीत जाते थे, लेकिन अब केवल कुशलगढ़ पर ही असर नजर आता है। यदि कांग्रेस-लोजद में समझौता होता है तो कुशलगढ़ सीट लोजद को मिल सकती है।
2019 में छोटे दलों को अपने साथ जोड़े रखने के लिए कांग्रेस कर सकती है गठबंधन
यदि कांग्रेस-लोजद का समझौता होता है तो बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के जीतने की संभावना बढ़ सकती है! शुरूआत में कांग्रेस की दिलचस्पी राजस्थान में अकेले चुनाव लड़ने की थी और इसीलिए बसपा की मांगों पर कांग्रेस ने कुछ खास ध्यान नहीं दिया था, लेकिन अब आम चुनाव- 2019 में छोटे दलों को अपने साथ जोड़े रखने के लिए कांग्रेस गठबंधन कर सकती है। माना जा रहा है कि कांग्रेस, शरद यादव, शरद पवार आदि के दलों को विस चुनाव में कुछ सीटें दे सकती है।
बसपा के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं!
बसपा के साथ गठबंधन की संभावना अब बची नहीं है, क्योंकि एक तो बसपा की सीटों की मांग वास्तविक ताकत से कई ज्यादा है और दूसरा बसपा ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर सचिन पायलट ने शरद यादव से मुलाकात की है और दक्षिण राजस्थान की कुछ सीटों को लेकर उनकी बातचीत भी हुई है। उल्लेखनीय है कि दक्षिण राजस्थान की कुशलगढ़ सीट पहली बार भाजपा के भीमा भाई ने कांग्रेस से केवल 708 वोटों के अंतर से जीती थी, जबकि इससे पूर्व यहां से पूर्व मंत्री फतेह सिंह लगातार जीतते रहे थे।