कर्नाटक सरकार को कोई खतरा नहीं, खड़गे बोले- बीजेपी बताए MLA को होटल में क्यों पकड़ कर रखा है?
By पल्लवी कुमारी | Published: January 16, 2019 04:23 PM2019-01-16T16:23:09+5:302019-01-16T16:23:09+5:30
राज्य के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने बुधवार को कहा कि स्थिति ‘नियंत्रण’ में है और चिंता की कोई बात नहीं है। सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा भाजपा विधायकों की खरीद फरोख्त के किसी ‘अभियान’ से इंकार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है और वह ‘‘निश्चिंत’’ हैं।
कर्नाटक में सत्तारूढ गठबंधन और बीजेपी द्वारा एक-दूसरे पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाने से पैदा राजनीतिक उठापटक के बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को कहा कि बीजेपी सिर्फ अफवाह फैला रही है और इसमें वह कतई कामयाब नहीं होगी। मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को यह भी कहा कि बीजेपी ने अपने विधायकों को गुरुग्राम के 7 स्टार होटल में पकड़कर रखा है, जिससे ये साफ पता चलता है कि कौन कमजोर है और किसकी कमजोरी दिख रही है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, बीजेपी ने ऐसी कोशिशें पहले कर्नाटक में भी की थी लेकिन येद्दियुरप्पा ने उसका नतीजा देख लिया है कि क्या हुआ। खड़गे ने कहा कि बीजेपी अपने विधायकों को पकड़कर हमेशा से रखती है, जिससे ये साफ जाहिर होता है कि कौन कितना कमजोर है। उन्होंने बीजेपी से पूछा कि बीजेपी ये बताए आखिर उन्होंने अपने विधायक को क्यों पकड़ कर रखा है?
कुमारस्वामी ने कहा- ‘नियंत्रण में’है स्थिति, विधायकों को रिसॉर्ट ले जाने की जरूरत नहीं
राज्य के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने बुधवार को कहा कि स्थिति ‘नियंत्रण’ में है और चिंता की कोई बात नहीं है। सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा भाजपा विधायकों की खरीद फरोख्त के किसी ‘अभियान’ से इंकार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है और वह ‘‘निश्चिंत’’ हैं।
कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘मेरे लिए (खरीद फरोख्त के) अभियान की कोई जरूरत नहीं है, दरअसल मेरे साथ पर्याप्त संख्याबल है... सबकुछ नियंत्रण में है... चिंता की बात नहीं है।’’ वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन द्वारा विधायकों को रिझाने के डर से भाजपा विधायक गुरूग्राम में डेरा डाले हुए हैं।
उन्होंने कहा कि वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा से पूछना चाहते हैं कि उनकी पार्टी के विधायकों को मकर संक्रांति मनाने के लिए ले जाया गया है या किसी अन्य कारण से।
सोमवार को कर्नाटक में उस समय राजनीतिक वाकयुद्ध शुरू हो गया था जब दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। दो विधायकों एच नागेश (निर्दलीय) और आर शंकर (केपीजेपी) ने मंगलवार को राज्यपाल वाजूभाई वाला को पत्र लिखकर उन्हें गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के अपने फैसले से अवगत कराया था।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मीडिया में आई खबरों के विपरीत उनकी पार्टी के विधायकों को किसी रिसॉर्ट में नहीं ले जाया जा रहा है।उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी को रिसॉर्ट में लेकर नहीं जा रहे हैं, इसकी कोई जरूरत नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं मीडिया से खुद को तथा राज्य की जनता को बेवकूफ नहीं बनाने का अनुरोध करता हूं।’’
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस अपने सभी विधायकों को बुधवार को रिसॉर्ट में लेकर जाएगी या नहीं। कुमारस्वामी ने दोहराया कि कांग्रेस के जो पांच विधायक मुंबई में कथित रूप से भाजपा के कब्जे में हैं वे उनके संपर्क में हैं । उन्होंने कहा, ‘‘मैं बीते तीन दिन से कह रहा हूं कि वे मेरे संपर्क में हैं, मुझे सारे घटनाक्रम की जानकारी है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या पांच विधायकों से संपर्क किया जा सकता है, उन्होंने कहा, ‘‘हो सकता है कि अन्य उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे हों लेकिन मैं उनसे संपर्क कर सकता हूं...’’
कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को तथ्यों से अवगत कराया है। उनकी सरकार को अस्थिर बताने वाली खबरों पर निशाना साधते हुए कुमारस्वामी ने मीडिया को विश्वसनीयता खोने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा, ‘‘आप कन्नड़ समाचार चैनलों की विश्वसनीय खत्म करने जा रहे हैं।’’
इस बीच, उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर और कांग्रेसी नेता सिद्धरमैया ने कांग्रेस महासचिव एवं कर्नाटक प्रभारी के सी वेणुगोपाल से मुलाकात की और उनके साथ मंथन किया। बैठक के बाद, सिद्धरमैया ने संवाददाताओं से कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया गया।(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)